scriptसिर पर बैग और हाथों में जूते लेकर गिरते हुए स्कूल जाते हैं बच्चे | Children go to school with bags on their head and shoes in their hands | Patrika News

सिर पर बैग और हाथों में जूते लेकर गिरते हुए स्कूल जाते हैं बच्चे

locationभोपालPublished: Sep 04, 2019 12:07:34 pm

Submitted by:

Amit Mishra

गांव का रास्ते पर बारिश में कीचड़ होने से बनते हैं हालात

सिर पर बैग और हाथों में जूते लेकर गिरते हुए स्कूल जाते हैं बच्चे

सिर पर बैग और हाथों में जूते लेकर गिरते हुए स्कूल जाते हैं बच्चे

भोपाल। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के आनंदपुर ग्राम ऊंटवारी से महोटी माध्यमिक शाला Secondary School में पढऩे वाले बच्चे Children कच्चा मार्ग होने के कारण बारिश rain में कीचड़ mud में से निकलकर जाते हैं। ऐसे में बच्चे सिर पर बैग और हाथों में जूते-चप्पल head and shoes and slippers in their hands रखकर जाने को मजबूर होते हैं। ऐसे में कई बार वे कीचड़ में गिरने से चोटिल होने के साथ ही उनके कपड़े भी खराब हो जाते हैं। मालूम हो कि ऊंटवारी के मनदू बन्जारा और नेतराम नायक ने बताया की गांव की आबादी करीब 700 है, लेकिन गांव में आज तक रोड नहीं बन सका। इस कारण बारिश के मौसम में हर साल यहां कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है और रोड से निकलना मुश्किल होता है।


गांव से दो किमी दूर है स्कूल
गांव में माध्यमिक स्कूल नहीं होने के कारण माध्यमिक कक्षाओं की पढ़ाई के लिए बच्चे दो किमी दूर ग्राम महोटी स्कूल जाते हैं। छात्र जगदीश नायक, नेतराम नायक और शिवराज नायक आदि ने बताया की प्रतिदिन कीचड़भरे रास्ते से निकलकर स्कूल जाना उनकी मजबूरी बन गया है।

 

परिजन कंधे पर बिठाकर स्कूल छोडऩे-लेने जाते है
वहीं रास्ते के नाला उफान पर आ जाने पर स्कूल से वापस घर नहीं आ पाते तो महोटी में ही किसी के घर पर रुकना पड़ता है। वहीं जब तक बच्चे वापस घर नहीं आते परिजनों को भी चिंता लगी रहती है। छोटे बच्चों को परिजन कंधे पर बिठाकर स्कूल छोडऩे-लेने जाते हैं। वहीं गांव में कोई बीमार हो जाए, तो उपचार के लिए अस्पताल तक ले जाना काफी मुश्किल होता है।


ग्रामीणों को परेशान होना पड़ता है
ग्रामीणों का कहना है कि वे सड़क निर्माण की मांग वे जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार कर चुके हैं, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई, जिससे बारिश में हर साल ग्रामीणों को परेशान होना पड़ता है।

 

पंचायत स्तर पर मैंने एक तरफ मुरम डलवाया है। पर महोटी की दूरी लगभग तीन किमी है। जिसके लिए अधिक राशि लगेगी, जो पंचायत के पास नहीं आती है। जबकि रोड और स्कूल के लिए गांव के लोगों को महोटी जाना पड़ता है। बारिश के दौरान ग्रामीणों को क’चे मार्ग के कारण बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
-महेंद्र यादव, सरपंच प्रतिनिधी

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