scriptसावधान! बौने हो रहे हमारे बच्चे, 14 जिलों के बच्चे हैं ठिगनेपन से पीड़ित | Children of 14 districts are suffering from dwarfism | Patrika News

सावधान! बौने हो रहे हमारे बच्चे, 14 जिलों के बच्चे हैं ठिगनेपन से पीड़ित

locationभोपालPublished: Feb 21, 2022 09:51:18 am

Submitted by:

deepak deewan

एनएफएचएस 4 में ठिगनेपन से 38.4 प्रतिशत बच्चे पीड़ित थे जबकि नए सर्वे एनएफएचएस 5 में ये 35.4 प्रतिशत

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मनीष कुशवाह, भोपाल. सावधान! हमारे बच्चे बौने हो रहे हैं. 1—2 नहीं बल्कि पूरे 14 जिलों के बच्चे ठिगनेपन से पीड़ित हो रहे हैं. यह स्थिति तब है जब कुपोषण के खिलाफ लड़ाई का दावा करने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारें ने तमाम योजनाओं पर अरबों रुपए खर्च किए. इसके बावजूद कई बच्चे शारीरिक रूप से सक्षम नहीं हो पाए हैं.

मध्य प्रदेश के 14 जिलों में 5 साल तक के बच्चों का कद कम पाया गया है- हाल ही में लोकसभा के बजट सत्र में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण —एनएफएचएस 5 के प्रदेश और जिलावार आंकड़े पेश किए गए. इसमें केंद्रीय महिला एवं विकास मंत्रालय ने दावा किया है कि सर्वे में शामिल देशभर के 235 जिलों में वर्ष 2015—16 में हुए एनएफएचएस 4 की तुलना में सुधार हुआ है. इधर मध्य प्रदेश के 14 जिलों में 5 साल तक के बच्चों का कद कम पाया गया है.

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पिछले सर्वे एनएफएचएस 4 में ठिगनेपन से 38.4 प्रतिशत बच्चे पीड़ित थे जबकि नए सर्वे एनएफएचएस 5 में ये 35.4 प्रतिशत- हालांकि सरकार का यह भी दावा है कि स्थितियों में तेजी से सुधार भी हो रहा है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले सर्वे एनएफएचएस 4 में ठिगनेपन से 38.4 प्रतिशत बच्चे पीड़ित थे जबकि नए सर्वे एनएफएचएस 5 में ये 35.4 प्रतिशत है. इस तरह ठिगनेपन के शिकार बच्चों में करीब 3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. इसी तरह सर्वे में बच्चों में कमजोरी का आंकड़ा 21 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत और अल्प वजन का 35.8 प्रतिशत से 32.1 प्रतिशत हो गया है.

मध्यप्रदेश के सतना जिले में 49.4 प्रतिशत बच्चे ठिगनेपन का शिकार – बच्चों में ठिगनेपन के मामले में उत्तरप्रदेश के संभल जिले की स्थिति सबसे खराब है. यहां 51.6 प्रतिशत बच्चे इस समस्या से जूझ रहे हैं. मध्यप्रदेश के सतना जिले में 49.4 प्रतिशत बच्चे ठिगनेपन का शिकार हैं. इसके बाद शहडोल जिले में 44 प्रतिशत और सागर जिले में 42.7 प्रतिशत बच्चे आम बच्चों की तुलना में कम कद के हैं.

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