मध्यप्रदेश में 12 से 14 साल तक के 30 लाख बच्चों को वेक्सीन लगाई जाएगी। बच्चों को कोरोना का टीका लगाने के कुछ माइल्ड साइड इफेक्ट हो सकते हैं। हालांकि इनसे घबराने की जरूरत नहीं है पर सतर्क जरूर रहना चाहिए। पहले भी कई बच्चों को वैक्सीनेशन के बाद कुछ हल्के साइड इफेक्ट देखे गए थे।
बच्चों को स्कूलों में कैंप लगाकर ही कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इन बच्चों को कॉर्बेवैक्स का टीका लगाया जाएगा। यह वैक्सीन 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों में कोरोना संक्रमण होने से रोकेगी। वैक्सीन के दो डोज लगेंगे। दूसरा डोज देने का काम 6 अप्रेल से प्रारंभ होगा। एक्सपर्ट बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले बच्चों के लिए कुछ सावधानियों का पालन करना होगा.
जिन बच्चों को ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या है, उन्हें समुचित इलाज के बाद ही टीके लगाए जाएंगे। वेक्सीन लगवानेवाले बच्चों को ब्लड थिनर यानि खून पतला करने की दवा हर्गिज न दें। ऐसी स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श जरूर लें। यदि बच्चे को पहले किसी दवाई, टीके आदि से कोई एलर्जी हुई हो तो बता दें। बुखार या कोई अन्य गंभीर संक्रमण हो तो भी बच्चों को टीका न लगवाएं।
वेक्सीन लगवाने का कोई साइड इफेक्ट हो तो दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। वैक्सीन लगने के बाद यदि घबराहट, एलर्जी, बुखार, सिर दर्द या अन्य कोई परेशानी आने पर हेल्पलाइन नंबर के अलावा हो नजदीकी हॉस्पिटल में जाकर बच्चो को डॉक्टर को दिखाएं।