क्या हुआ तुर्रा में
दरअसल मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार के बाद रात्रि विश्राम तुर्रा के एक आदिवासी के घर करने वाले थे। इसका प्लान तैयार होते ही स्थानीय प्रशासन ने आदिवासी के घर को अस्थायी रूप से स्टार होटल की सजा दिया। बिजली की कमी न हो इसके लिए अलग से ट्रांसफार्मर लगाया गया। प्लाइवुड की दीवारें बनाकर अस्थायी शौचालय बनाया गया। इसके साथ ही पलंग गद्दे और अन्य सुविधाएं यहां जुटाई गईं, लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री दूसरे दिन यहां से रवाना हुए प्रशासनिक अमले ने ट्रक लाकर पूरा सामान उसमें भर लिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया है कि वे कितने नौटंकीबाज हैं।
साम-दाम-दंड-भेद पर उतरी भाजपा
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तीन दिवसीय चित्रकूट उपचुनाव का दौरा प्रचार के लिए नहीं बल्कि साम-दाम-दंड-भेद के साथ प्रबंधन के लिए दौरा था। उन्होंने अपनी सभाओं में खुलेआम मतदाताओं को धमकाया और प्रलोभन दिया। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को मतदाताओं को प्रभावित करने के काम पर लगाया।
डीएफओ मुख्यमंत्री का वीडियो वायरल हुआ
चित्रकूट विधानसभा उपचुनावों के प्रचार करने आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 6 नवंबर को वन विभाग के जिस गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम किया, वहां का सारा इंतजाम वन विभाग के डीएफओ ने किया। डीएफओ को रात में मीडिया कर्मियों ने मौके पर पकड़ा और उनकी उपस्थिति के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि वे टाइगर मूवमेंट देखने आए हैं। उनसे पूछा कि वे टाइगर मूवमेंट गेस्ट हाउस में कैसे हो सकता है तो वे इसका बगैर जवाब दिए मौके से भाग गए। इसका वीडियो वायरल हुआ।
कांग्रेस बोली विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त हों
अजय सिंह ने कहा कि भाजपा और मुख्यमंत्री की करतूतों से चुनाव पर्यवेक्षकों को अवगत करवाया है, और मांग की है कि तारीख की शाम से मतदान और मतगणना तक विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करें ताकि भाजपा और उनके इशारे पर चल रहे प्रशासन पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि ट्रांसफार्मर के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज शराब से भरी गाड़ी पकड़ी जो भाजपा के कार्यकर्ता बांटने ले जा रहे थे। यह घटनाएं बताती हैं कि भाजपा ने वहां हार से बचने के लिए किन चीजों का सहारा लिया है।