क्रिसमस पर्व के लिए अब लगभग सप्ताह भर का समय रह गया है। एेसे में शहर में इसकी तैयारियां भी अंतिम चरणों में पहुंच गई है। प्रोटेस्टंट चर्च की ओर से आखिरी सप्ताह में चर्चों के सदस्य अधिक से अधिक सेवा कार्य में समय बिता रहे हैं। इसके तहत शहर के वृद्धाश्रम, कुष्ठ आश्रम, अनाथालय सहित अन्य स्थानों पर जाकर समाज के सदस्य सेवा कार्य कर रहे हैं।
कुष्ठ आश्रम में कराया भोजन, दिव्यांगों को दिया जरुरत का सामान प्रोटेस्टंट क्लर्जी फेलोशिप ऑफ भोपाल के अध्यक्ष रेव्ह अनिल मार्टिन ने बताया कि विभिन्न चर्चों के प्रतिनिधियों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर सेवा कार्य किए जा रहे हैं। क्रिसमस के पूर्व हमने गांधी नगर के कुष्ट आश्रम में कुष्ठ रोगियांे के साथ क्रिसमस सेलीब्रेशन किया। इसके तहत उन्हें भोजन कराया गया, जरुरी सामान दिया गया, कैरोल गीत गाए और प्रभु यीशु के जीवन के बारे में बताया।
शहर में जगह-जगह कैरोल सिंगिंग
राजधानी की कॉलोनियों में इन दिनों जगह-जगह कैरोल सिंगिंग का दौर चल रहा है। कैथोलिक और प्रोटेस्टंट चर्च दोनों की ही टीमों द्वारा घर-घर जाकर रात्रि में कैरोल सिंगिंग कर प्रभु यीशु के आगमन का संदेश दिया जा रहा है। शहर के कोलार, अरेरा कॉलोनी, गोविंदपुरा, टीटी नगर, हर्षवर्धन नगर सहित अनेक कॉलोनियों में इन दिनों कैरोल सिंगिंग चल रही है। इसी प्रकार प्रभु यीशु के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कहीं शांति, सद्भाव के गीत तो कहीं लघु नाटिकाओं का मंचन किया जा रहा है। इसी प्रकार चर्चों में भी विशेष प्रार्थनाएं हो रही है।
गिरजाघरों में सजने लगी झांकियां
शहर के सभी चर्चों में प्रभु यीशु के जीवन पर आधारित झांकियां तैयार की जा रही है। इसी तरह चरणी का निर्माण भी हो रहा है। ईसाई समाज के लोगों के अनुसार क्रिसमस के पहले एडविन सीजन (प्रभु का आगमन काल) होता है। यह दिसंबर के पहले रविवार से शुरू होता है। इस दौरान समाज के लोग प्रभु के जन्म का इंतजार कर उनके स्वागत की तैयारी करते हैं। इसके लिए घरों और चर्चों में विशेष रूप से क्रिप (चरणी, वह स्थान जहां ईसा मसीह का जन्म हुआ था) का निर्माण हो रहा है।