scriptये हैं MP के 5 प्रमुख चर्च, जिसमें एक हैं एशिया की दूसरी सबसे सुंदर चर्च, जानिए इतिहास | Christmas 2020: These are the 5 major churches of MP | Patrika News

ये हैं MP के 5 प्रमुख चर्च, जिसमें एक हैं एशिया की दूसरी सबसे सुंदर चर्च, जानिए इतिहास

locationभोपालPublished: Dec 23, 2020 03:00:59 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

– ईसाई धर्म का प्रमुख पर्व है क्रिसमस – जानिए कौन सी है एशिया की दूसरी सबसे सुंदर चर्च

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Christmas 2020

भोपाल। क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो गई हैं। क्रिसमस ( christmas 2020 ) का पर्व ईसाई धर्म का प्रमुख पर्व है। मध्यप्रदेश में भी यह पर्व खूब धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहा जाता है। इस दिन को प्रभु यीशु का जन्म हुआ था, जिन्होंने पूरी दुनिया को प्रेम और दया का संदेश दिया था। इस दिन शहरों में क्रिसमस पर्व ( christmas festival ) को लेकर जोरदार तैयारियों के बाद कार्यक्रम किए जाते हैं। स्कूल, बाजार, घरों से लेकर रेस्टोरेंट में भी क्रिसमस के दिन धूम रहती है।

क्रिसमस के खास मौके पर हम आपको मध्यप्रदेश के प्रमुख जिलों के चर्च ( famous Church ) के बारे में बता रहे हैं। जिनका एक ओर अनुठा इतिहास है तो वहीं ये अपने आप में अद्भुत हैं….

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ऑल सेंट चर्च, सीहोर

एतिहासिक इमारत के रूप में ख्याति प्राप्त एशिया का सबसे सुंदर दूसरे नंबर का ऑल सेंट चर्च सीहोर में स्थित है। इस चर्च का इतिहास बताता है कि इसके निर्माण में 27 साल का समय लगा था। चचज़् का निर्माण पॉलेटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में कराया था। पॉलेटिक एजेंट ओसबार्न ने चर्च का निर्माण 1860 में कराया गया था। पत्थरों से बने इस चर्च में शिल्प और आस्था का अद्भुत संगम दिखाई देता है। यह चर्च स्काटलैंड में बने चर्च को देखकर बनाया गया है। स्काटलैंड का चर्च और सीहोर में बना यह चर्च हूबहू एक जैसे हैं।

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रेड चर्च, इंदौर

यह चर्च अस्सी कैथेड्रल के सेंट फ्रांसिस ( St. Francis ) के रूप में भी जाना जाता है, लाल चर्च इंदौर शहर में एक प्रतिष्ठित इमारत है। मुख्य रूप से ब्रिटिश सैनिकों और उनके परिवारों, यूरोपीय व्यापारियों और मिशनरियों के लिए निर्मित, यह सुंदर गोथिक इमारत एक यात्रा के लायक है। इसके अलावा इंदौर में व्हाइट चर्च भी स्थित है। इसकी संरचना यूरोपीय डिजाइन को दिखाती है, और क्रिसमस जैसे भविष्य के उत्सवों के बीच एक अविश्वसनीय दृश्य है।

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243 साल पुराना क्राइस्ट चर्च, ग्वालियर

ग्वालियर ब्रिटिश आर्मी का गढ़ रहा हैं और उनके समय में कई चर्च और इमारतों का निर्माण भी करवाया गया। यहां एक चर्च करीब 243 साल पुराना है। मुरार में बना क्राइस्ट चर्च ( Christ Church, gwalior ) 1775 में ब्रिटिश ऑफिसर द्वारा बनवाया गया था। इसकी पुष्टि 1844 के बंदोबस्त डॉक्यूमेंट से होती है। इस चर्च में कैंट एरिया में पदस्थ ब्रिटिश आर्मी के ऑफिसर प्रार्थना करने आते थे। इस चर्च की खासियत यह है कि इस चर्च ने 1857 का विद्रोह भी देखा है। बताया जाता है कि उस दौरान यहां पास में रहने वाले ब्रिटिश अधिकारियों और उनके बच्चों की मौत भी हुई थी। चर्च में 1857 के विद्रोह में मरने वाले लोगों के नाम भी अंकित है।

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सेंट फ्रांसिस असिसि कैथेड्रल चर्च, भोपाल

करीब 150 वर्ष पुराने कैथोलिक ईसाई समुदाय के इस चर्च को पोप पॉल चतुर्थ द्वारा आर्च डायसिस का दर्जा प्रदान किया गया, वह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपालमें मौजूद है। भोपाल शहर में कैथोलिक ईसाई समुदाय का यह पहला चर्च है। 1875 में बना ये पुराना चर्च आज भी अपनी ऐतिहासिक गौरव गाथा को बयां करता है। जितना अद्भुत यह चर्च है, इसका इतिहास भी उतना ही अनूठा है। यह भोपाल के जहांगीराबाद में जिंसी चौराहे के पास स्थित है।

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सेंट राफेल चर्च, सागर

सेंट राफेल चर्च जिसे अब सेंट थेरेसा कैथेड्रल के रूप में जाना जाता है, सागर (सौगोर) का सबसे पुराना कैथोलिक चर्च है। मिशनरी की उपस्थिति 1850 के दशक के अंत में शुरू हुई। सागर में पहला रिकॉर्डेड बपतिस्मा 1 जनवरी, 1863 को हुआ था। सेंट राफेल चर्च की नींव रेवफ्रा ने रखी थी। राफेल मेची दा लिवोर्नो ओएफएम कैप, 13 दिसंबर, 1874 को। चर्च को आरटी द्वारा संरक्षित किया गया था।

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