भोपाल में थिंक गैस भोपाल प्रायवेट लिमिटेड होशंगाबाद रोड से इसके लिए काम शुरू करने जा रहा है। 18 फरवरी को इसके लिए 900 मीटर तक की खुदाई के लिए महापौर परिषद ने मंजूरी भी दे दी। दावा है कि ये स्टील की पाइप लाइन नर्मदा लाइन के समानांतर बिछाई जाएगी।
राजगढ़-भोपाल सीजीडी प्रोजेक्ट के तहत ये काम होना है। राजगढ़ से जुड़े क्षेत्रों में इसके लिए काम हो रहा है। पूरा प्रोजेक्ट 600 करोड़ रुपए का है। इसमें शहरभर में नेटवर्क बिछाया जाएगा। एमआईसी से अनुमति के लिए दावा किया जा रहा है कि सडक़ की खुदाई नहीं की जाएगी।
जमीन के भीतर करीब सवा मीटर गहराई में मशीनों से पाइप लाइन बिछाई जाएगी। हालांकि पाइप लाइन बिछाने के लिए बीते करीब दस सालों से खुदाई और उसके गड्ढों से गुजर रहे शहरवासियों को ये दावा थोथा लग रहा है। प्रोजेक्ट के लिए राजगढ़ भोपाल के बीच 0.़66 हेक्टेयर का वन क्षेत्र भी आएगा। इसमें काम करने के लिए पर्यावरणीय अनुमति ली गई है।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में बनी केंद्रीय पॉलिसी के तहत स्मार्टसिटी में शामिल शहरों को गैस पाइप बिछाना अनिवार्य किया हुआ है। इसके तहत ही भोपाल को गैस पाइप लाइन की सौगात मिल रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत लाइन बिछाने की अनुमति लेने स्मार्टसिटी के प्रभारी इंजीनियर ओपी भारद्वाज ने ही प्रस्ताव बनाया था।
भारद्वाज का कहना है कि प्रोजेक्ट के लिए खुदाई अनुमति मांगी गई है। हमें प्रोजेक्ट पूरा कराने में मदद करना है, इसलिए मंजूरियो की प्रक्रिया हमारे माध्यम से की जा रही। इससे शहर को लाभ होगा। गौरतलब है कि फिलहाल शहर में सीएनजी के स्टेशन भी विकसित हो गए है और वाहन चालक इस सुविधा का लाभ भी ले रहे हैं।
अब सीजीडी नेटवर्क विकसित होने से शहर के हर कोने में कुकिंग फ्यूल और ट्रांसपोर्टेशन के लिए सीएनजी फ्यूल की व्यवस्था हो जाएगी। जो कंपनी ये काम कर ही है वह सिंगापुर बेस्ड कंपनी है। उसने भोपाल के नाम से एक स्थानीय कंपनी बनाकर काम लिया है।