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IPS बनने का था सपना लेकिन बन गया शातिर अपराधी, खाली विस्की की बोतल से सुलझी बड़ी गुत्थी

locationभोपालPublished: Jul 30, 2020 04:10:03 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

पेशे से सिविल इंजीनियर और IPS बनने का सपना रखने वाला महज 28 साल का युवक पुलिस को पिछले एक साल से चकमा दे रहा था..

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भोपाल/ दमोह. मध्यप्रदेश के अलग अलग जिलों में बीते एक साल से भी ज्यादा वक्त से एटीएम को ब्लास्ट कर उड़ाने वाले गैंग की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी देर हुई लेकिन एक शराब की खाली बोतल और नंबर्स की पहेली सुलझी तो मामला भी सुलझ गया। गिरोह का मास्टर माइंड महज 28 साल का एक युवक निकला जो सिविल इंजीनियर है और IPS बनना चाहता है। आरोपी युवक का नाम देवेन्द्र पटेल है

 

शराब की खाली बोतल और टूटी नंबर प्लेट से मिला सुराग
19 जुलाई को पन्ना में एटीएम ब्लास्ट कर पैसों की चोरी होने के बाद तफ्तीश में जुटी पुलिस आरोपियों का सुराग लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही थी। सीसीटीवी फुटेज फोन रिकॉर्ड और कई तरह से जांच के बाद भी पुलिस को आरोपियों का सुराग नहीं मिल रहा था लेकिन पुलिस हर बारीक से बारीक चीज की तफ्तीश जमीनी स्तर पर जुटी हुई थी इसी दौरान पुलिस को एक किसान ने खाली शराब की बोतल खेत की झाड़ियों में फंसे होने की सूचना दी। क्योंकि किसान का खेत पन्ना जिले के सिमरिया गांव के पास ही था इसलिए पुलिस को शक हुआ पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और किसान की बताई जगह की तलाशी ली। पुलिस को मौके से विस्की की एक खाली बोतल मिली। कुछ ही दूरी पर तलाशी के दौरान पुलिस को एक नंबर प्लेट का टुकड़ा भी मिला जो किसी बाइक का था। नंबर प्लेट का टुकड़ा मिलने के बाद जैसे पुलिस की उम्मीद जाग गई और पुलिस ने करीब पांच किलोमीटर तक बारीकी से जांच की। इस जांच में पुलिस को नंबर प्लेट के दूसरे भी कई टुकड़े मिले जिन्हें मिलाकर पुलिस ने नंबर्स की पहेली को सुलझाने की कोशिश की लेकिन एक नंबर अभी भी गायब था। पुलिस नंबर्स की पहेली सुलझाने में लगी रही और आखिरकार उसे सफलता मिल गई। पुलिस को जो नंबर प्लेट के टुकड़े मिले वो MP21 MJ 6933 के थे। ऐसे में अब सवाल ये था कि आखिरकार ये बाइक किसकी है लेकिन सवाल का जवाब भी जल्द मिल गया बाइक दमोह में रहने वाले अभिषेक ठाकुर के नाम पर रजिस्टर्ड थी। पुलिस ने अभिषेक को पकड़ा तो अभिषेक ने बताया कि उसने दो महीने पहले ही जगेश्वर पटेल उर्फ जग्गी को बेच चुका था।

 

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जग्गी को पकड़ने से पहले जुटाए सबूत
जगेश्वर पटेल उर्फ जग्गी काफी पढ़ा लिखा था पुलिस के प्रोटोकॉल को भी अच्छी तरह से जानता था लिहाजा पुलिस ने उसे पकड़ने से पहले उसके खिलाफ सबूत जुटाने शुरु किए। जगेश्वर की कॉल डिटेल जब पुलिस ने खंगाली तो पता चला कि वो अक्सर देवेन्द्र और छोटू नाम के युवक के संपर्क में रहता था। मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल के दौरान पुलिस को ये भी पता चला कि एटीएम ब्लास्ट की वारदातों के वक्त जगेश्वर का मोबाइल फोन स्विच ऑफ रहता था। ऐसे में पुलिस का शक और गहराया। देवेन्द्र और छोटू के मोबाइल डिटेल खंगाली तो पता चला कि जगेश्वर की ही तरह छोटू और देवेन्द्र के फोन भी वारदात के वक्त घटनास्थल के करीब ही बंद हुए थे अब पुलिस का शक यकीन में बदल गया और पुलिस ने जब जगेश्वर के साथ छोटू और देवेन्द्र को पकड़कर पूछताछ की तो सारा सच सामने आ गया। तीनों के अलावा पुलिस ने इनके दो और साथियों को गिरफ्तार किया है।

 

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दो बार IPS की परीक्षा दे चुका है मास्टरमाइंड देवेन्द्र
एटीएम को ब्लास्ट कर लूटने वाली इस शातिर गैंग का मास्टरमाइंड 28 साल का देवेन्द्र है। जो IPS बनना चाहता था और दो बार IPS की परीक्षा भी उसने दी लेकिन पास नहीं हो पाया। देवेन्द्र अभी सिविल इंजीनियर है लेकिन पैसों की भूख ने उसे जुर्म के रास्ते पर ले जाकर खड़ा कर दिया। पूछताछ के दौरान मास्टर माइंड देवेन्द्र ने बताया कि उसने क्राइम सीरियल देखकर वारदातों को प्लानिंग की और सोशल मीडिया से बम चलाने का तरीका सीखा था।

 

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1 साल में 7 ATM ब्लास्ट कर लूटे 48 लाख रुपए
पुलिस की गिरफ्त में आई एटीएम ब्लास्ट की ये गैंग कितनी शातिर है इसका अंदेशा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसने बीते एक साल में 7 एटीएम ब्लास्ट कर वहां से 48 लाख रुपए उड़ाए थे। अगर गैंग की वारदातों को देखें तो गैंग ने 6 जून 2019 को जबलपुर के नुनसर में, 25 अक्टूबर 2019 को कटनी में, नवंबर 2019 में कटनी में ही एक और एटीएम, 22 जनवरी 2020 को जबलपुर में, 6 मार्च 2020 को दमोह में, 17 मई 2020 को फिर दमोह में और 19 जुलाई 2020 को पन्ना में एटीएम को ब्लास्ट कर उड़ाया था। पुलिस ने आरोपियों से 25.57 लाख रुपए नकद, 2 पिस्टल, 8 गोलियां, जिलेटिन की छड़ें, डेटोनेटर, 1 कलर प्रिंटर, 3 बाइक, मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त किया है।

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