तकरीबन ढाई लाख की आबादी वाले कोलार के विभिन्न क्षेत्रों से रोजाना सैकड़ों यात्री शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इन्हीं बसों से सफर करते हैं। आबादी के मुताबिक बसों की व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इससे समय के साथ ही आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
22 बसें सडक़ों से ‘गायब’
बीसीएलएल के मुताबिक कोलार में शहर के विभिन्न क्षेत्रों या अलग-अलग रूट की 80 बसें संचालित की जा रही हैं। इनमें एसआर-8 व एसआर-4 की 24-24 बस, एसआर-1 की 17 एवं एसआर-1 ए रूट की 18 बस शामिल हैं, पर हकीकत में एसआर-8 व एसआर-4 की 20 से 22 व एसआर-7, एसआर-1 ए की बमुश्किल 6 बसें ही सडक़ों पर दौड़ रही हैं। इस तरह औसतन रोजाना 22 बसें सडक़ों से गायब रहती हैं।
रोजाना 10 बसों का मेंटेनेंस
शहर के विभिन्न क्षेत्रों से कोलार आने जाने वाली कुल 80 बसों में से रोजाना 10 बसें मेंटेनेंस के नाम पर सडक़ पर नहीं आती हैं, कोलार आवाजाही के लिए उपयोग में लाई जा रही अधिकतर बसों की हालत खराब है। तय बसों के सडक़ों पर नहीं होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कोलार में यात्रियों के लिए बस स्टॉप तक की सुविधा नहीं मिल सकी है।
हमारी पूरी कोशिश रहती है कि इस रूट पर ज्यादा से ज्यादा बसों का संचालन करें, पर मेंटेनेंस के कारण बसों की संख्या में कमी आ जाती है। यदि एसआर-1 और एसआर-1 ए की बस कम चल रही हैं।
संजय सोनी, पीआरओ, बीसीएलएस