scriptपांचवीं-आठवीं की परीक्षा इसी सत्र से होगी बोर्ड | Class 5th and 8th examination will be on board pattern | Patrika News

पांचवीं-आठवीं की परीक्षा इसी सत्र से होगी बोर्ड

locationभोपालPublished: Dec 18, 2021 09:33:24 am

Submitted by:

Subodh Tripathi

पांचवीं और आठवीं बोर्ड हुआ करती थीं, पिछले सालों में इन्हें खत्म कर दिया गया। इसी सत्र से फिर से इन्हें बहाल किया गया है। अब इन कक्षाओं की परीक्षाएं बोर्ड स्तर पर होंगी।

पांचवीं-आठवीं की परीक्षा इसी सत्र से होगी बोर्ड

पांचवीं-आठवीं की परीक्षा इसी सत्र से होगी बोर्ड

भोपाल. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बोर्ड रिफॉम्र्स एंड असेसमेंट विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार का दूसरा दिन पूर्व प्राथमिक और प्राथमिक शिक्षा प्रणाली के नाम रहा। शुक्रवार को समापन सत्र में स्कूल शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने घोषणा की, पांचवीं और आठवीं बोर्ड हुआ करती थीं, पिछले सालों में इन्हें खत्म कर दिया गया। इसी सत्र से फिर से इन्हें बहाल किया गया है। अब इन कक्षाओं की परीक्षाएं बोर्ड स्तर पर होंगी। व्यापक तैयारी की जा चुकी है। शिक्षाविदों ने प्राथमिक शिक्षा के बिंदुओं और सावधानी पर सुझाव दिए।

मंत्री परमार ने नई शिक्षा नीति भारत को विश्व का सिरमौर बनाने की दिशा में आजादी के बाद उठाया गया सबसे महत्वपूर्ण कदम बताया। मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन की आवश्यकता बताई। प्रदेश में 5३ विश्व-स्तरीय स्कूल बनाए जा रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार के लिए ३50 सीएम राइज स्कूल की स्थापना की जा रही है।

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महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष भरत बैरागी ने कहा कि शिक्षा रोजगारोन्मुखी हो, इस दिशा में काम करना होगा। माशिमं की अध्यक्ष रश्मि अरुण शमी ने कहा कि कार्यशाला के विषय पर एकरूपता लाने दिए सुझाव से नीति निर्धारण में सहायता मिलेगी।

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यह आए सुझाव
दिल्ली की डॉ. जयश्री ओझा ने कहा कि बुनियादी साक्षरता, संख्या ज्ञान और सहज ढंग से मूल्यांकन परध्यान दिया जाए।

बेंगलूरु से ऑनलाइन जुड़े एजुकेशनल इनिशिएटिव इंडिया संस्था के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी श्रीधर रागोपालन ने कहा, बच्चों के पाठ्यक्रम में उदाहरण सैद्धांतिक के बजाय प्रत्यक्ष वाले होने चाहिए।

राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस. ने कहा, सीनियर क्लास के छात्रों का असेसमेंट करना आसान है लेकिन प्राथमिक कक्षाओं के लिए जटिल,इसलिए सर्वमान्य प्रणाली विकसित करनी होगी।

द एजुकेशन अलाइंस संस्था के प्रमुख अमिताभ विरमानी ने कहा कि प्राथमिक स्तर से ही बुनियाद इतनी मजबूत की जाए कि जो बच्चे मार्केट में जाएं, वे कुशल हों।

सीएसएसएल की वैजयंती शंकर बोलीं- आपको अगर बच्चों का पाठ्यक्रम बनाना है तो संवेदनशीलता के साथ करना होगा। मप्र के 47% बच्चे यह नहीं समझते कि वे याद कर सकते हैं।

एजुकेशनल इनीशिएटिव इंडिया के उपाध्यक्ष निश्चल शुक्ला ने रूपांतरण मूल्यांकन और शिक्षा शास्त्र विषय पर प्रेजेंटेशन दिया।

एनसीईआरटी में एलिमेंट्री एजुकेशन विभाग के एचओडी डॉ. अनूप कुमार राजपूत ने कहा, स्कूल में पढ़ा गया जीवभर काम आए, ऐसी नीति अब बनानी है।

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