script3 माह में सीखी क्लासिकल की बारिकियां, किर्गिस्तान के कलाकारों ने ताल से ताल मिला… गीत पर किया कथक | Classical learned in three months, artists from Kyrgyzstan got rhythm | Patrika News

3 माह में सीखी क्लासिकल की बारिकियां, किर्गिस्तान के कलाकारों ने ताल से ताल मिला… गीत पर किया कथक

locationभोपालPublished: Dec 06, 2019 11:24:10 am

Submitted by:

hitesh sharma

दो दिवसीय देशान्तर समारोह का हुआ समापन
 

3 माह में सीखी क्लासिकल की बारिकियां, किर्गिस्तान के कलाकारों ने ताल से ताल मिला... गीत पर किया कथक

3 माह में सीखी क्लासिकल की बारिकियां, किर्गिस्तान के कलाकारों ने ताल से ताल मिला… गीत पर किया कथक

भोपाल। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में चल रहे दो दिवसीय देशान्तर समारोह का गुरुवार को समापन हो गया। अंतिम दिन किर्गिस्तान के 13 सदस्यीय दल ने ‘नृत्य एवं संगीत’ की प्रस्तुतियां दीं। प्रस्तुति की शुरुआत कलाकारों ने किर्गिस्तान के ओंगु नृत्य से की। यह नृत्य किर्गिस्तान का राष्ट्रीय नृत्य है।

देश भक्ति की भावना को और देश प्रेम को कलाकारों ने नृत्य माध्यम से प्रस्तुत किया। इसके बाद कलाकारों ने गर्ल सीक्रेट्स डांस पेश किया। इस प्रस्तुति में लड़के और लड़की के मध्य प्रेम को दिखाया गया। इसके बाद कलाकारों ने हिंदी फिल्म ताल के गीत ताल से ताल मिला… पर मनमोहक कथक नृत्य पेश किया। कलाकारों को हिन्दुस्तान से गई डांस टीचर ने तीन माह में क्लासिकल की बारिकियां सीखाई थी।

कथक नृत्य के बाद कलाकारों ने फनी गर्ल डांस पर परफॉर्म किया। कलाकारों ने छोटी लड़की के जीवन को, उसकी लिप्साओं को और उसकी मस्तियों को मंच पर जीवंत किया। इसके बाद बर्ड डांस में सांगीतिक धुनों पर कलाकारों ने पक्षियों की विभिन्न मुद्राओं को नृत्य के माध्यम से दिखाया।। यह असल में नृत्य रूप में न होकर मूवमेंट के रूप में किया जाने वाला नृत्य है।

 

3 माह में सीखी क्लासिकल की बारिकियां, किर्गिस्तान के कलाकारों ने ताल से ताल मिला... गीत पर किया कथक
मॉर्निंग स्टार से मांगी विश

अगली कड़ी में कलाकारों ने थांग चल पोंग नृत्य प्रस्तुत किया। थांग चल पोंग नृत्य मॉर्निंग स्टार पर केंद्रित नृत्य है। इस नृत्य में मॉर्निंग स्टार से अपनी मनोकामना मांगने का दृश्य दिखाया जाता है। भारत की तरह किर्गिस्तान में भी तारे से मन्नत मांगी जाती है। कलाकारों ने मन्नत मांगने और इसके पूरी होने पर खुश होने के दृश्यों को नृत्याभिनय के माध्यम से मंच पर प्रस्तुत किया। अंत में कलाकारों ने कोमोस वाद्य यंत्र की धुनों पर ‘किर्गिज डांस’ प्रस्तुत करते हुए अपनी नृत्य एवं संगीत की प्रस्तुति को विराम दिया।
3 माह में सीखी क्लासिकल की बारिकियां, किर्गिस्तान के कलाकारों ने ताल से ताल मिला... गीत पर किया कथक
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