हर्ष तोमर एआईआर-2
11वीं में मैंने पीसीएम सब्जेक्ट लिया। उसी दौरान मुझे लगा कि इंजीनियरिंग की बजाए लॉ फील्ड में ही करियर बनाना चाहिए। पिछली बार मैंने बिना प्रिपरेशन के एग्जाम दिया था। इस बार ड्राप लेकर तैयार की। मेरी बड़ी बहन भी रायपुर लॉ यूनिवर्सिटी से बीए-एलएलबी कर रही हैं और पिता विनोद होशंगाबाद में लॉयर हैं। इंग्लिश को स्ट्रांग करने के लिए वर्ड पावर पिक्चर की मदद से तैयार की ताकि यह वोकेबलरी याद रहे। मैथ्स का सवाल एक मिनट के समय में हल करने के लिए काफी प्रैक्टिस की ताकि दूसरे कठिन सेक्शन को ज्यादा समय दे सकूं। अब मेरा इरादा बैंगुलरू की लॉ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने का है।
मेरे पिता संजय तिवारी वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन में मैनेजर हैं। मेरे एक रिलेवटिव ने जोधपुर एनएलयू से पढ़ाई की। उन्हें देख मैं इंस्पायर हुआ। बारहवीं तक पढ़ाई पीसीएम से की। पिछली बार मैंने एग्जाम में शामिल हुआ था, लेकिन तैयारी नहीं थी। इस कारण 3000वीं रैंक मिली थी। इस बार टॉप-10 में आने की उम्मीद थी। मेरा इंटरेस्ट डिबेट और रीडिंग में ज्यादा रहा तो मुझे लगा कि मेरी पर्सनालिटी के मुताबिक यह करियर अच्छा होगा। मेरी इंग्लिश थोड़ी कमजोर थी जिसे ठीक करने के लिए न्यूजपेपर्स और नॉवेल से वोकेवबरी अच्छी की। इसके लिए मैंने एक बहुत पुरानी लेकिन यूजफुल बुक वोकेबलरी वर्ड पावर मेड ईजी बुक और अपनी कोचिंग के नोट्स को फॉलो किया। जीके की तैयारी ऑनलाइन पोर्टल से की। मैं एलएनयू बेंगलुरू से पढ़ाई करना पसंद करूंगा।
मैं कॉमर्स की स्टूडें हूं लेकिन मेरा इंटरेस्ट सीए या सीएस में नहीं था। दसवीं तक इस करियर के बारे में पता चल गया था लेकिन गंजबसौदा में रहने के कारण कोचिंग नहीं कर पाई थी। भोपाल आकर ड्राप लिया और सोचा कि बस बैंगलुरू लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल जाए और वैसा ही हुआ। इस रैंक पर देश के सभी लॉ यूनिवर्सिटीज में एडमिशन मिलेगा। मेरी इंग्लिश बहुत अच्छी नहीं थी जिसके लिए मैंने इंग्लिश को तीन हिस्सा में बांटा। इस तरह मैंने रिफरेंस मटेरियल से भी तैयारी की।
हर्ष गगरानी, डायरेक्टर, लीगल एज