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70 से अधिक क्षेत्रों में आधा किमी तक कोई टॉयलेट नहीं

locationभोपालPublished: Dec 02, 2019 08:11:39 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 : रैंकिग के लिए कमियां दूर करना जरूरी

70 से अधिक क्षेत्रों में आधा किमी तक कोई टॉयलेट नहीं

70 से अधिक क्षेत्रों में आधा किमी तक कोई टॉयलेट नहीं

भोपाल. देश की स्वच्छतम राजधानी का तमगा लेने वाले भोपाल में अब ओडीएफ डबल प्लस के लिए तैयारियां की जा रही है। लगातार मॉनीटरिंग, निरीक्षण भ्रमण के बावजूद काफी सुधार बाकी है। पत्रिका ने पड़ताल में पाया कि पांच ऐसे प्रमुख काम है, जिसमें निगम की अन्य शाखाएं पूरी मदद नहीं कर रही। साफ सफाई में बेहतर रैंकिंग लाने के लिए नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा और अमला जितनी मेहनत कर रहा है, निगम की जलकार्य शाखा, सिविल शाखा उतनी सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं। यदि ये शाखाएं भी एक सिस्टम बनाकर काम करें तो लोगों को सुविधाएं महसूस होना शुरू हो जाए।
दरअसल ओडीएफ डबल प्लस के लिए भोपाल ने दावा किया है। जल्द ही केंद्र से निरीक्षण के लिए टीम आ सकती है। इसके बाद जनवरी 2020 में निरीक्षण के लिए केंद्र से टीम आएगी। स्वच्छता रैंकिंग में ओडीएफ प्लस और ओडीएफ डबल प्लस के मुताबिक शहरों को अलग-अलग नंबर दिए जाएंगे। निगम की जलकार्य शाखा टॉयलेट्स में पानी की व्यवस्था नहीं कर पा रही तो सिविल शाखा यहां एप्रोच के साथ स्टैंड दुरुस्त नहीं कर रही है।
स्मार्टसिटी के तहत अंडर ग्राउंड डस्टबिन को खाली करने के काम में भी पूरी तरह से काम नहीं किया जा रहा। निगम की सीवेज शाखा सड़क पर बहते सीवेज की दिक्कत दूर करने पूरी ईमानदारी से काम नहीं कर पा रही है। भवन अनुज्ञा शाखा सार्वजनिक क्षेत्र में गंदगी को बढ़ावा देने वाले या नाले पर बने निर्माण के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही है।
यहां सुधार की जरूरत ताकि इस बार बेहतर हो रैंकिंग
शहर में 30 फीसदी मॉड्यूलर टॉयलेट्स में जलकार्य शाखा के कर्मचारी नियमित पानी की व्यवस्था नहीं कर रहे।
20 फीसदी मॉड्यूलर टॉयलेट्स के गेट बंद करके रखे हुए हैं, ये खुले तो सुविधा बढ़े।
पेट्रोल पंप समेत इसी तरह के अन्य सार्वजनिक स्थालों के टॉयलेट्स आमजन से अब भी दूर है।

शहर के 70 से अधिक क्षेत्रों में अब भी आधा किमी तक कोई टॉयलेट नहीं है।
शहर के 126 क्षेत्रों में अब भी ओडीएफ रोकने के लिए टीम नहीं है।
नोट-एनजीओ और स्वच्छता में काम कर रहे संस्थाओं के अनुसार।
स्वच्छता में रैंकिंग बढ़ाने हम लगातार काम कर रहे हैं। मॉनीटरिंग मजबूत की गई है और व्यवस्थाएं, अधोसंरचनाएं विकसित की है। सर्वे टीम के सामने हमारी एक बेहतर इमेज जाएगी। – विजय दत्ता, निगमायुक्त
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