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सपनि बंद हुआ तो सड़कों पर दौड़ा रसूख, यात्री हुए परेशान

locationभोपालPublished: Jul 02, 2020 12:53:59 am

Submitted by:

anil chaudhary

– सार्वजनिक परिवहन निजी हाथों में जाने से ठप है बसें

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भोपाल. सड़क परिवहन निगम बंद करके परिवहन व्यवस्था निजी सेक्टर के हवाले करने की सबसे बड़ी वजह भाजपा-कांग्रेस के नेताओं का कारोबारी हित रहा है। सपनि के बाद रसूखदार बस संचालन में उतर आए। इनके लिए मार्केट बनाने सारे महत्त्वपूर्ण रूट्स दे दिए गए। पहले तय हुआ कि निजी बस ऑपरेटर सभी रूट पर बस चलाएंगे। कागजों पर बसें चलने भी लगी, लेकिन हकीकत में घाटे वाले रूट सूने रहे। कोरोना लॉकडाउन में तो निजी बसें भी रुक गईं। अब लॉकडाउन खत्म होकर अनलॉक हो गया, लेकिन यात्री अब टैक्सी और प्राइवेट वाहनों के जरिए ही यात्रा करने पर मजबूर हैं। निजी ऑपरेटरों के हाथ में पूरा सिस्टम होने के कारण सार्वजनिक परिवहन फिलहाल बंद है। पढि़ए, महाकौशल के हाल…
छिंदवाड़ा : कई रूटों पर कम बसें
छिंदवाड़ा नगर निगम ने अपनी 33 बसें चलाकर निजी ऑपरेटरों पर लगाम कसने के प्रयास किए थे। नगर निगम अनुबंधित 27 बसें जिले के अंदरूनी ग्रामों के अलावा जबलपुर, सिवनी, भोपाल, उदयपुरा, पिपरिया आदि में संचालित थीं। राज्य शासन ने भी छह चार्टर्ड बसें पहुंचाई गई थीं। इनसे निजी बस ऑपरेटरों के मनमाने किराए पर लगाम लगी थी। करीब 125 अंदरूनी रूट पर ग्रामीणों को बसों का इंतजार हैं। जिले में करीब 2100 बसें हैं। हर्रई, अमरावाड़ा और बिछुआ ब्लॉक के मार्ग पर खटारा बसें चल रही। निजी बस ऑपरेटर में मिगलानी बस सर्विस और एसएमटी बस सर्विस अहम हैं। इनके परिवार के सदस्यों का राजनीतिक पार्टी से सम्बन्ध है।
– शहडोल : 375 निजी बसें
यहां 375 बस प्राइवेट ऑपरेटर्स की हैं। इसके अलावा नगर पालिका की दो बसें हंै, लेकिन निगम की व्यवस्था फेल रही। बस सेवाओं को नपा ने बंद कर दिया है। दो बस पसान नगर पालिका और एक बस कोतमा नगर पालिका द्वारा संचालित है। अनूपपुर-राजेन्द्रग्राम और अमरकंटक रूट महत्त्वपूर्ण हैं, जहां यात्रियों की संख्या के अनुसार बसें कम हैं। लोग परेशान होते हैं। यहां निजी ऑपरेटर घाटे का रूट मानते हुए इस पर कम बसों का ही परिचालन कर पा रहे हैं।

– मंडला : निकाय से अनुबंधित कोई बस नहीं
यहां 78 निजी बसें हैं। मंडला-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के पिछले तीन साल से जर्जर होने के कारण यहां पर चलने वाली बसों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है। इसी मार्ग पर सबसे अधिक यात्री परेशान हो रहे हैं। हालांकि, अभी सभी बसें बंद हैं।
– कटनी : भाजपा विधायक और कांग्रेस नेता की बसें
यहां 250 से अधिक निजी बसें हैं। नगर निगम ने पांच साल पहले सिटी बस चलाने की योजना बनाई थी, लेकिन धरातल पर नहीं आ सकी। यहां बहोरीबंद से भाजपा विधायक प्रणय पांडेय की बसें कटनी जिले में चलती रहीं। कांग्रेस नेता विजेंद्र मिश्रा और नेता अनिल तिवारी की बसें जिले में चलती रहीं। कटनी से एनकेजे, देवरीहटाई से बड़वारा मार्ग में निजी बस ऑपरेटर घाटे का रूट बताकर बसें नहीं चलाते हैं। ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कटनी से बिलहरी होते हुए बहोरीबंद मार्ग पर जरूरत के अनुरूप बसें नहीं होने से ग्रामीणों को आवागमन में परेशान होना पड़ रहा है। निवार से पौनिया, पडरभटा, सरसवाही, मटवारा, बंधी से पान उमरिया मार्ग पर इक्का-दुक्का बसें चलने से आवागमन के लिए ग्रामीणों को परेशानी होती है।
– बालाघाट : 14 ऑपरेटर की 130 बसें
यहां 14 बस ऑपरेटरों की 130 निजी यात्री बसें हैं। तीन महीने पूर्व ऑनलाइन टिकिट बुक कराए जाने पर 50 से 90 रुपए तक अधिक वसूल किए जाने की शिकायत पवन ट्रैवल्स के विरुद्ध की गई थीं। बाद में किराया कम हुआ। अभी यह परिवहन भी बंद है।

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