दरअसल, चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जाती है।ऐसे में जिसके तहत नई योजना की घोषणा नहीं की जा सकती है। शिलान्यास व उद़घाटन के कार्यों पर रोक लग जाती है। हालांकि कुछ मामलों में चुनाव आयोग की अनुमति से ऐसा हो सकता है। इसी के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज ने मास्टरस्ट्रोल खेला और आचार संहिता के एक महीने पहले सरकार ने विकास कार्यों को लेकर ताबड़तोड़ भूमिपूजन और शिलान्यासों पर बड़ा बजट खर्च करने का एलान कर डाला।
हैरानी की बात ये है कि ये आंकड़ा सरकार के 2018-19 के पहले अनुपूरक बजट 11 हजार 190 करोड़ से भी कहीं ज्यादा है। शिवराज की तबाड़तोड़ घोषणाओं के बाद सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है ।कांग्रेस ने सरकार के विकास कार्यों के किए गए भूमिजपून को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने आचार संहिता के पहले और आचार संहिता लागू होने के बाद बैक डेट में करोड़ों के कामों को दी गई मंजूरी पर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
शिवराज ने ये दी सौगातें
– सीधी को मिनी स्मार्ट-सिटी बनाने के लिए 600 करोड़.
– चुरहट में आईटीआई खोलने की घोषणा और 23.16 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास
– खरगोन को 745 करोड़ की बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना की सौगात
– बैतूल के घोड़ाडोंगरी में 37 करोड़ की लागत से बने 15 किमी लंबे घोड़ाडोंगरी-बरेठा मार्ग और 65.13 लाख की लागत से थाना बीजा देही का लोकार्पण
– मुलताई में 285.28 करोड़ की सिंचाई योजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन
– सीधी को मिनी स्मार्ट-सिटी बनाने के लिए 600 करोड़.
– चुरहट में आईटीआई खोलने की घोषणा और 23.16 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास
– खरगोन को 745 करोड़ की बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना की सौगात
– बैतूल के घोड़ाडोंगरी में 37 करोड़ की लागत से बने 15 किमी लंबे घोड़ाडोंगरी-बरेठा मार्ग और 65.13 लाख की लागत से थाना बीजा देही का लोकार्पण
– मुलताई में 285.28 करोड़ की सिंचाई योजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन