MP Political Crisis: पत्रिका की खबर पर लगी मुहर, फ्लोर टेस्ट से पहले सीएम कमलनाथ ने दिया इस्तीफा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज कमलनाथ सरकार का विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करना था
भोपाल. मध्य पर्देश में 17 दिन से जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज कमलनाथ सरकार का विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करना था लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने इस्तीफा देने का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुमत नहीं है, ऐसे में मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं।
#MadhyaPradesh CM Kamal Nath: I have decided to tender my resignation to the Governor today. pic.twitter.com/jgaRf6F0K2
— ANI (@ANI) March 20, 2020
पत्रिका की खबर पर लगी मुहर
पत्रिका ने देर रात ही सूत्रों के हवाले से बता दिया था कि सीएम कमलनाथ फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे सकते हैं। हुआ भी वही। शुक्रवार को जब कमलनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आये तो सबसे पहले अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाए और अंत में इस्तीफा देने का एलान कर दिया।
दिग्विजय पहुंचे थे सीएम हाउस
इससे पहले बेंगलुरू से भोपाल पहुंच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने सीएम हाउस पहुंचे, दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक बात हुई। वहीं, एयरपोर्ट पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा था कि आज की डेट में हमारे पास बहुमत नहीं है। भाजपा धन-बल के आधार पर सत्ता में आना चाहती है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम संख्या बल में पिछड़ गए। बागी विधायकों से भी हमारी संपर्क नहीं हुआ।
#MadhyaPradesh CM Kamal Nath: BJP sochti hai ki mere pradesh ko hara kar ke khud jeet jaaegi. They can never do that. pic.twitter.com/IYNkGnFxNx
— ANI (@ANI) March 20, 2020
भाजपा विधायक का इस्तीफा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देर रात विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। कांग्रेस ने ब्यौहारी से भाजपा विधायक शरद कोल का इस्तीफा दिलाकर बड़ा झटका दिया। हालांकि इसके बाद भी सीएम कमलनाथ आंकड़ों से पिछड़ते हुए दिखाई दे रहे थे।
#MadhyaPradesh CM Kamal Nath: The people of this country can see the truth behind the incident where MLAs are being held hostage in Bengaluru...The truth will come out. People will not forgive them. pic.twitter.com/nyxetiM4ZZ
— ANI (@ANI) March 20, 2020
ये है सदन का आंकड़ा
विधानसभा में 230 सीटें हैं। 2 विधायकों के निधन और कांग्रेस के 22 बागी के इस्तीफे के बाद अब 206 विधायकों के आधार पर ही फ्लोर टेस्ट होना था। ऐसे में सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायक चाहिए लेकिन कांग्रेस के पास इस वक्त सिर्फ 92 विधायक हैं। कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों की संख्या 7 है। अगर सारा गुणा भाग कर लिया जाए तो भी ये आंकड़ा 99 पर पहुंचता यानी बहुमत से 5 कम, उधर बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। हालांकि वो दावा सिर्फ 106 विधायकों का कर रही। उसने राज्यपाल के सामने परेड में भी 106 विधायक ही शामिल किए थे।
सिंधिया के इस्तीफे से खड़ा हुआ सियासी संकट
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद से ही मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार संकट छाया हुआ है। सिंधिया भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी और आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना था।
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