मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के अलावा अन्य रोगों से ग्रस्त रोगियों विशेषकर बच्चों में निमोनिया आदि की स्थिति पर नजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग का अमला चुस्त और चौकस रहे। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि शहडोल अस्पताल के चिकित्सकों से प्रतिवेदन मांगा गया है। लापरवाही का मामला होने पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें बीते शनिवार को शहडोल जिला अस्पताल के पीआईसीयू और एसएनसीयू में भर्ती चार बच्चों की मौत हो गई थी। ये मौतें 24 घंटे के अंदर हुईं। अगले दिन दो और नवजातों ने दम तोड़ दिया। गौरतलब है कि डेढ़ साल पहले ही जिला अस्पताल की इसी यूनिट में एक साथ 6 बच्चों की मौत हुई थी। तब लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को हटा दिया गया था।