राजधानी के मिंटो हॉल में आयोजित एक समारोह में गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस यात्रा को रवाना किया। चौहान ने कहा कि धरती के पारंपरिक ऊर्जा संसाधन धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। इनसे प्रदूषण भी होता है। भावी पीढ़ियों के कल्याण के लिए हमें सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करना होगा। भोपाल में एनर्जी स्वराज यात्रा का शुभारंभ कर सौर ऊर्जा से चलित घर के मॉडल का लोकार्पण किया। सीएम ने कहा कि चेतन सोलंकी के त्याग में उनकी पत्नी का भी अहम योगदान है। सोलंकी एक अच्छा जीवन जी सकते थे, लेकिन वे सभी के लिए जी रहे हैं। गौरतलब है कि सोलंकी को मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा के लिए प्रदेश का ब्रांड एंबेसेडर भी बनाया गया है। यह ऊर्जा स्वराज यात्रा 26 नवंबर 2020 से शुरू होकर दिसंबर 2030 तक, जो कि लगभग 11 साल चलेगी।
कौन हैं चेतन सोनी
-खरगौन जिले के झिरनिया तहसील के छोटे से गांव में जन्मे चेतन सोनी मुंबई की आईआईटी से पढ़े हैं।
-ग्रहस्थ जीवन के बावजूद अब वे सौर ऊर्जा की जनजागृति के लिए 11 वर्षों तक अब अपने परिवार से पूरी तरह दूर रहेंगे।
-चेतन 20 वर्षों से इस विषय पर काम कर रहे हैं।
-चेतन को कई अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
-आईईईई की ओर से इस विषय पर उनके इनोवेशन और शोध पर 10 हजार डॉलर का पुरस्कार भी मिला था।
-चेतन सोलंकी को प्राइम मिनिस्टर अवार्ड फॉर इनोवेशन से भी नवाजा गया था।
-इनके त्याग और लगन को देख उन्हें अब ‘सौर गांधी’ भी कहा जाता है।
-वैज्ञानिक होने के साथ ही वे सौर प्रौद्योगिकी से जुड़ी कई समितियों के सदस्य भी हैं।
-सोलंकी ने गांधी के आदर्शों का पालन करते हुए इसे ‘ऊर्जा स्वराज’ शब्द दिया है।