शनिवार को आ रही खबरों में कहा गया था कि मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की रवानगी तय मानी जा रही है। उज्जैन में RSS प्रमुख मोहन भागवत, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच गुप्त मंत्रणा के बाद इस बात के संकेत मिले।
दरअसल सूत्रों का कहना था कि भाजपा हाईकमान की नजर अब मध्यप्रदेश और उन राज्यों पर है, जहां चुनाव होने वाले हैं। सभी राज्यों में अब चुनावी रणनीति के मुताबिक ही संगठन का चेहरा तैयार किया जाएगा।
नंदकुमार सिंह चौहान को बदलने की सुगबुगाहट इसलिए भी रही क्योंकि पार्टी में काफी समय से खींचतान और अंतर्कलह बढ़ गई है। इससे संगठन कमजोर ही हुआ है। इसके अलावा कई बार चौहान का विवादास्पद बयान भी आने से संगठन की किरकिरी ही हुई है। इन्हीं वजहों से भाजपा को हाल ही में हुए अटेर और चित्रकूट चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है।
प्रदेश अध्यक्ष चौहान के स्थान पर कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और कैलाश विजयवर्गीय का नाम चर्चाओं में रहा। ऐसे में ये बातें भी सामने आ रही थीं कि पिछले साल उत्तरप्रदेश और गुजरात चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नरोत्तम मिश्र और भरोसेमंद भूपेंद्र सिंह को भी संगठन प्रमुख बनने की संभावना दिखी।