MP के CM शुक्रवार सुबह एक बार खतरे में पड़ गए थे। उनका हेलीकॉप्टर रास्ता भटक गया था। इससे पहले भी आधा दर्जन से अधिक बार घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें शिवराज सिंह बाल-बाल बच गए…।
भोपाल। MP के CM शुक्रवार सुबह एक बार खतरे में पड़ गए थे। उनका हेलीकॉप्टर रास्ता भटक गया था। उनके हेलीकॉप्टर ने कटनी जाने के लिए सुबह स्टेट हैंगर से उड़ान भरी थी। सुबह साढ़े नौ बजे हेलीकॉप्टर कटनी पहुंचने वाला था। इससे पहले वह रास्ता भटक गया। करीब आधं घंटे तक हेलीकाप्टर हवा में ही भटकता रहा। करीब 10 बजे सिग्नल मिलने के बाद वह हेलीपैड पर उतर सका। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह BJP विधायक संजय पाठक के पिता सत्येंद्र पाठक के देहांत होने पर उनके निवास पर गए थे।
जब बढ़ गया था खतरा
30 मार्च 2016 को भी CM शिवराज सिंह की सुरक्षा में भारी चूक हुई। शिवराज सिंह केंद्रीय मंत्री थावरचंद सिंह गहलोत के बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। लैंडिंग के दौरान जमीन पर बिछे बोरे हवा में उड़ने लगे, जिससे हैलीकॉप्टर को लैंड कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यदि यह बोरे हेलीकाप्टर से लिपटा जाते तो बड़ा हादसा हो सकता था।
बिजली के तार से टकरा जाता हेलीकाप्टर
15 नवंबर 2015 को रतलाम में शिवराज के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए बिजली के तारों के बेहद करीब ही हेलीपैड बनाने से बड़ा हादसा टल गया था। पायलट ने सतर्कता दिखाई तो सुरक्षित लैंडिंग हो गई। सीएम रतलाम उपचुनाव के लिए बिरमाल में एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे। यह नजारा देख सभी की सांसें थम गई थीं।
जब ईंधन खत्म हो गया
1 जुलाई 2012 को बड़वानी में मौसम खराब होने के कारण उनका हेलीकाप्टर भटक गया। करीब आधे घंटे बाद आसमान पर चक्कर काटने के बाद जैसे-तैसे नीचे उतरा और उसका ईंधन खत्म हो गया। शुक्र है कि वे बच गए। इसके बाद उन्हें सड़क मार्ग से जाना पड़ा।
मुलताई में भी भटके CM
चौहान का हेलीकॉप्टर 13 अप्रैल 2013 को बैतूल के मुलताई जाने के लिए निकला था। लेकिन, वह भटक गया। काफी देर बाद वह उतरा।
16 अप्रैल 2012
इससे पहले सीहोर जिले के निम्बागांव में मुख्यमंत्री निकाह योजना के कार्यक्रम में जाने के लिए जसे ही हेलीकाप्टर ने उड़ान भरी तभी हेलीकाप्टर की खिड़की खुली रह गई और चौपर हवा में उड़ने लगा। जल्दी ही पायलट को गलती का एहसास हुआ और खिड़की बंद क दी गई।