दरअसल, लॉकडाउन 3 के समय पूरे प्रदेश को तीन जोन में बांटा गया था लेकिन अब पांच जोन बांटें जाएंगे। किस जोन में कौन सा क्षेत्र आएंगे ये राज्य सरकरा को तय करना है। साथ ही किस जोन में किस तरह की पाबंदियां लगानी है, ये भी राज्य सरकार के ही हाथ में है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आज रात 8 बजे प्रदेश की जनता से संवाद करेंगे और लॉकडाउन 4.0 के स्वरूप बताएंगे।
आइये जानते हैं कि प्रदेश को किस तरह पांच जोन में बांटा जाएगा और इसका स्वरूप कैसा रहेगा। रेड जोन (Red Zone): रेड जोन में वे इलाके आएंगे जहां
कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं या अभी भी केस सामने आ रहे हैं। सरकार इन इलाकों को रेड जोन में रखेगी। यहां पर सख्त पाबंदियां लागू हैं और आगे भी रहेंगी। लोगों को घरों में ही रहने होगा, सिर्फ जरूरी काम होने पर ही बाहर निकल सकते हैं। 10 साल से छोटे और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी रहेंगी।
ऑरेंज जोन ( Orange Zone): ऑरेंज जोन में वे इलाके हैं जहां कोरोना के केस तो सामने आ रहे हैं, लेकिन लगातार सुधार भी हो रहा है। स्थानीय प्रशासन ने यहां कई तरह की छूट दी है। इन इलाकों में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन, सील या फिर अन्य एहतियाती कदम उठाए जाएंगे।
ग्रीन जोन (Green Zone) : ग्रीन जोन में वे इलाके हैं जो कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। यहां के लोगों की जिंदगी बाकी जोन की तुलना में बहुत आसाना है। लगभग सभी तरह की सुविधाएं चालू हैं। हालांकि लोगों को बाहर निकलने पर मास्क लगाना और फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करना जरूरी होगा।
कंटेनमेंट जोन (containment zone): कंटेनमेंट जोन में वे इलाके हैं, जहां से एक भी कोरोना का केस सामने आता है तो उस पूरे इलाके को सील (400m-1km) कर दिया जाता है। इस इलाके में सभी जरूरी कार्यों की अनुमति होगी। लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक रहेगी, सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी और जरूरी सामानों के लाने और ले जाने को ही मंजूरी दी जाएगी। कंटेनमेंट जोन में बड़े स्तर पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाएगी।
बफर जोन (Buffer Zone): बफर जोन वे इलाके हैं जो रेड जोन वाले से सटे हैं। सरकार को आशंका है कि इन इलाकों में ढिलाई बरतने पर पड़ोस के इलाके के रेड जोन का असर यहां भी हो सकता है। इसलिए ऐसे इलाकों को अलग जोन में रखकर नजर रखी जाएगी, ताकि यहां नए केस आने से बचाया जा सके।