भोपाल

आदेश के बाद भी व्यवस्था सुधारने को तैयार नहीं कोचिंग संचालक, प्रशासन ने दी 4 दिन की मोहलत

रिपोर्ट में खुलासा: आगजनी हुई तो भाग भी नहीं सकेंगे छात्र, छात्राएं, कलेक्टर दे चुके हैं 7 दिन का समय
 

भोपालJun 27, 2019 / 09:40 am

प्रवेंद्र तोमर

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भोपाल। सूरत हादस ( surat hadsa ) के बाद राजधानी में हुई कोचिंग ( coaching ) और हॉस्टलों की जांच में खामियां ही खामियां मिलने के बाद अब प्रशासन व्यवस्थाएं दुरुस्त करना चाहता है। कोचिंग्स में इमरजेंसी गेट, पीछे सीढिय़ां, फायर एनओसी, अग्निशमन उपकरण, एग्जिट के लिए बड़ा गेट आदि की व्यवस्था करने के निर्देश प्रशासन ने संचालकों को दिए हैं।

15 दिन बाद सिर्फ 50 फीसदी कोचिंग संचालकों ने व्यवस्था सुधारने संबंधी शपथपत्र प्रस्तुत किए हैं। बाकी 50 फीसदी प्रशासन की सुनने को तैयार नहीं हैं। जिन संचालकों ने अभी तक सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए हैं उन्हें 4 दिन का समय और दिया गया है। 30 जून के बाद कोचिंग को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

जिले में चार एसडीएम की टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर जांच कर 178 कोचिंग्स की रिपोर्ट तैयार की है। बुधवार को समीक्षा बैठक में संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने पहले सभी अधिकारियों से रिपोर्ट के बारे में जानकारी की।

एसडीएम एमपी नगर राजेश गुप्ता, संयुक्त कलेक्टर सुनील राज नायर ने बताया कि अभी तक 50 फीसदी कोचिंग संचालकों ने व्यवस्था सुधारने की जानकारी प्रस्तुत की है, जिसका क्रॉस वेरिफिकेशन होना बाकी है। संयुक्त कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी किया है कि सीढिय़ों के पास बिजली के बोर्ड और एसी लगे हैं। आग लगने की स्थिति में भागना भी संभव नहीं होगा। ऐसे में कोचिंग्स पर जल्द लगाम कसनी होगी।

बेसमेंट में चल रहीं कोचिंग होंगी बंद

संभागायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि बेसमेंट में चल रही कोचिंग्स को तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया जाए। उन्हें कोई मौका नहीं दिया जाएगा। जो कोचिंग और हॉस्टल संचालक तय समय सीमा में सुधार करेंगे वे ही 30 जून के बाद संचालित होंगे। रायसेन रोड, बैरागड़, अशोका गार्डन, एमपी नगर जोन वन और टू, न्यू मार्केट, मालवीय नगर, साकेत नगर, इंद्रपुरी, अवधपुरी में लगभग 400 कोचिंग संचालित हो रही हैं। इसमें से 178 की जांच में ही स्थिति खराब मिली है। कई कोचिंग्स तो एक-एक कमरे में चल रही हैं।

किराए की बिल्डिंग का ले रहे बहाना

ज्यादातर कोचिंग संचालक किराए की बिल्डिंग का बहाना बता कर बचना चाहते हैं। पिछली बैठक में बताया था कि भवन स्वामी इमरजेंसी गेट नहीं निकलने दे रहे। इस समस्या का समाधान के लिए कोचिंग संचालकों को भवन खाली कराना होगा। बुधवार को हुई बैठक में इस पर सख्ती से कहा गया कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए गेट जरूरी है। नहीं तो कोचिंग को बंद कर दें।

फायर ब्रिगेड निकलने की जगह तक नहीं रहती

एमपी नगर जोन वन और टू में सड़क पर इतने दो पहिया और चार पहिया वाहन पार्क हो जाते हैं कि जरूरत पडऩे पर बिना बाधा के फायर ब्रिगेड की गाड़ी अंदर नहीं पहुंच सकती। इस समस्या के समाधान के लिए कोचिंग और हॉस्टल संचालकों ने स्मार्ट सिटी पार्र्किंग में घंटों के हिसाब से स्लॉट लेने की मांग की है। जहां वाहन पार्क किए जा सकें। इस संबंध में संभागायुक्त ने नगर निगम के अधिकारियों से चर्चा करने की बात कही है।

ये मांग कोचिंग संचालकों ने की है

– कोचिंग का समय सुबह 7 से शाम 7 बजे तक, इसके बाद कोई कोचिंग न चले, इसमें छात्राओं की सुरक्षा का ध्यान रखा गया है।
– कोचिंग स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन होना चाहिए, ताकि उसकी सही पहचान की जा सके।

– रेलवे ट्रैक के सामने भी पार्र्किंग व्यवस्था की जा सकती है, हालांकि इस पर प्रशासन ने मना किया है।

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