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भोपाल के दंपत्ति ने सिंगापुर की कंपनी से 13.5 करोड़ का कोयला खरीदा, पैसे मांगे तो जमीन दिखाई

locationभोपालPublished: Oct 12, 2019 10:05:50 am

Submitted by:

Radhyshyam dangi

ईओडब्ल्यू ने दर्ज की शिकायत, कोयला खरीदने वाले अनिल जैन, कल्पना व निर्मला जैन को थमाया नोटिस

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भोपाल : अरिहंत कोल (इंडिया) प्रालि कंपनी के संचालकगण अनिल जैन, कल्पना जैन व निर्मला जैन सिंगापुर की वैलेंसी इंटरनेशनल ट्रेडिंग प्रालि कंपनी से 13.5 करोड़ रुपए का इंपोर्टेड कोयला खरीदकर पैसे देने से मुकर गए। सिंगापुर की कंपनी ने अरिहंत कोल इंडिया कंपनी के संचालकों से पैसे मांगे तो पैसे देने की बजाय भोपाल के चोपड़ा कलां में खुद के मालिकाना हक की जमीन बताकर खरीदने का ऑफर दे दिया।
तर्क दिया कि उनके व कंपनी के पास कोयले का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं है, इसलिए जमीन खरीद लो। सिंगापुर की कंपनी ने जब चोपड़ा कलां में जमीन खरीदने में रुचि दिखाई तो अरिहंत कोल इंडिया के संचालकों ने यह जमीन अनिल जैन के भाई मनोज जैन के नाम ट्रांसफर कर दी। दोनों के बीच आर्थिक लेनदेन का विवाद खड़ा हो गया। दोनों के बीच करीब 250 करोड़ रुपए का पूर्व में लेनदेन डॉलर करेंसी में हो चुका है।
बकाया राशि का भुगतान भी डॉलर में ही होना है। अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक और आर्थिक धोखाधड़ी का मामला होने के कारण सिंगापुर की वैलेंसी इंटरनेशनल ट्रेडिंग प्रालि कंपनी ने मप्र राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में शिकायत की है। इधर, ईओडब्ल्यू ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरु कर दी। वहीं, अरिहंत कोल इंडिया प्रालि कंपनी के संचालकों को नोटिस थमाकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में किए गए लेनदेन, धोखाधड़ी और व्यापार आदि से संबंधित से जवाब तलब किया है। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि शिकायत दर्ज कर संबंधितों को नोटिस जारी कर दिया गया है।

वैलेंसी इंटरनेशनल ट्रेडिंग प्रालि कंपनी से धोखाधड़ीपूर्वक कोयला खरीदा गया। हमें अरिहंत कोल इंडिया कंपनी से मूल रकम 13.5 करोड़ और टैक्स आदि मिलकर 15 करोड़ रुपए लेना है। कंपनी ने सिंगापुर में भी कई जहाज मालिकों को भुगतान नहीं किया है। चेक बाउंस हो गए। संपत्ति बताकर उसे अन्य लोगों के नाम की जा रही है।
– सौरव शर्मा, प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, वैलेंसी इंटरनेशनल ट्रेडिंग प्रालि कंपनी, सिंगापुर

वैलेंसी इंटरनेशनल ट्रेडिंग प्रालि कंपनी का पैसा देना है, इसके लिए एमओयू हो गया। 12-13 करोड़ रुपए देना है, इसमें से करीब 5 करोड़ रुपए की संपत्ति दे दी। एक फ्लेट दे दिया, कृषि भूमि दे दी। फिर भी कंपनी ने चेक बाउंस का केस लगा रखा है। सिविल सूट भी फाइल कर रखा। सुना है कि ईओडब्ल्यू का नोटिस भी आया है, मैं बाहर हूं इसलिए पता नहीं।
– अनिल जैन, संचालक, अरिहंत कोल (इंडिया) प्रालि
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