मध्य प्रदेश
madhya pradesh के जिले अशोकनगर
ashoknagar में तो खेतों में बैगन और टमाटर के पत्ते leaf ऐसे काले Black पड़ गए हैं, जैसे किसी ने आग से जलाए हों तो वहीं प्याज onion की पौध भी पूरी तरह से खराब
weather effects हो गई। लगातार 15 दिन से छा रहा
weather update घना कोहरा
fogg और पांच दिन जारी रही शीतलहर
cold wave सब्जी की फसल के नुकसान का कारण बन गई। नतीजतन लाखों रुपए के नुकसान की मार झेल रहे किसानों farmers को अब इस खराब हो चुकी फसल को उखाड़कर फैंकना पड़ रहा है।
मौसम का पूर्वानुमान Weather forecast … मौसम के जानकारों के अनुसार अगले कुछ घंटों मध्य प्रदेश के सागर, ग्वालियर एवं चंबल संभाग में कही कही गरज और चमक के साथ बौछारें पद सकती हैं। वही नीमच और मन्दसौर जिलों में भी पानी गिरने की सम्भावना है।
कुल मिलकर आने वाले 48 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश का मौसम खराब bad weather हो सकता है। इस दौरान भारी बारिश, ओलावृष्टि hail storm और बिजली गिरने की आशंका व्यक्त की गई है। खराब मौसम का असर जनजीवन पर पड़ सकता है।
अफगानिस्तान afganistan से लेकर राजस्थान rajasthan तक चक्रवाती संचरण Cyclonic transmission के कारण मध्यप्रदेश में भी मौसम के बिगड़े हालात देखने को मिल सकते हैं। इस दौरान गरज-चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि की बहुत ज्यादा संभावना व्यक्त की गई है।
वही मध्य प्रदेश के अशोकनगर ashoknagar weather के तमोइया और अमाही ताल में फसलों में अब शीतलहर cold waves और कोहरे
fog के हुए नुकसान का असर साफ तौर पर दिखने लगा है। किसानों ने इस उम्मीद से हजारों रुपए खर्च कर weather effect सब्जी लगाई थी कि उन्हें इससे आमदनी होगी।
लेकिन ठंड cold में दो महीने मेहनत करने के बाद जब फसल में सब्जी लगना शुरू हुई तो शीतलहर weather और कोहरे ने उनकी उम्मीदों को बर्बाद कर दिया। इससे अब किसान अपने खेतों पर खराब हो चुकी सब्जी की फसल weather report को खुद ही उखाड़कर फैंक रहे हैं। ताकि इससे प्रभावित होकर अन्य फसल खराब न हो सके। वहीं धनिया और पालक की फ सल में भी नुकसान हुआ है, जिनके पत्ते मुरझा गए हैं।
पौधे बचाने में असफल… fail to save cropsकिसानों का कहना है कि शीतलहर
Icy wind और कोहरे को देखते हुए उन्होंने फ सल को बचाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए। पौधों को साडिय़ों और तिरपालों से ढंका, कहीं तो पौधों को लोगों ने प्लास्टिक के डिब्बों से भी ढका।
साथ ही खेतों के तापमान temprature बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताए अनुसार खेतों में धुंआ भी किया। इसके लिए किसानों ने कई दिन मेहनत की, लेकिन वह अपनी फ सलों को नहीं बचा पाए और सभी प्रयास असफल many losses साबित हुए।
मसूर की फसल भी सूखी और गेंहू में कीड़ों का प्रकोप
जिले में इस बार जहां मसूर की फसल तो सूख ही रही हैए वहीं गेंहू में भी कीड़ों का प्रकोप है। किसानों का कहना है कि कृषि अधिकारियों agriculture officers ने मसूर सूखने के कारण फफूंद को बताया और फफूं द को खत्म करने के लिए बताया गया कि दवाओं का छिड़काव करने के बाद भी कोई लाभ नहीं हो रहा है, इससे दवाईयों पर भी हजारों रुपए खर्च हो गए। वहीं गेंहू में पहली बार कीड़े का खतरनाक प्रकोप है, जिन पर दवाइयों का भी कोई असर नहीं हो रहा है।