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अनाज की खरीदी एक तारीख से करने कलेक्टर, कमिश्नरों ने जाहिर की असमर्थता

locationभोपालPublished: Mar 29, 2020 08:09:00 pm

Submitted by:

Ashok gautam

– समितियों ने कहा- न बारदाना सिलाई के लिए धागे, न स्टीकर और न ही मिल रहे हैं लेबर

अनाज की खरीदी एक तारीख से करने कलेक्टर, कमिश्नरों ने जाहिर की असमर्थता

अनाज की खरीदी एक तारीख से करने कलेक्टर, कमिश्नरों ने जाहिर की असमर्थता

भोपाल। समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी 1 अप्रैल से शुरू करने के लिए सरकार ने हरी झंडी दी है। लेकिन खरीदी का पूरा दारोमदार जिन समितियों के पास है, वे खरीदी के लिए अभी तैयार नहीं हो रही हंै। इसके पीछे उनका तर्क है कि उनके पास न तो बारदाना सिलाई के लिए धागे की व्यवस्था है और न ही बारदानों में समितियों के स्टीकर बनाने तथा उसे लगाने के लिए तैयार हो रहा है।
इसके साथ ही लेबरों की समस्या सबसे बड़ी है, क्योंकि दस दिन पहले ही लेबर जिलों से पलायन कर चुके हैं। इसके चलते अनाज की खरीदी फिलहाल टाल दिया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा। इसके चलते भोपाल कमिश्नर, देवास कलेक्टर सहित अन्य कलेक्टर और कमिश्नरों ने एक फिलहाल अनाज खरीदी करने से असमर्थता जाहिर की है।
कोराना वायरस के चक्कर में सरकार की पूरी व्यवस्था तहस-नहस हो गई है। इसका सबसे ज्यादा सफर किसान और मजदूरों को करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में बेमौसम बारिश ने किसानों को और हलाकान में डाल दिया है। किसानों ने अनाज की गहाई करा कर खेत और खलिहानों में आनाज रख दिया है। समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो और वे अनाज बेचे, लेकिन खरीदी की तरीख फाइनल नहीं हो पा रही है। ऐसे स्थिति में खलिहान और खेत में बारिश और मबेशियों से अनाज बचाना किसानों के लिए मुश्किल हो रहा है। इधर कोरोना के चक्कर में समितियां अनाज खरीदी के लिए तैयार नहीं हो रही रही है।
समितियों का तर्क है कि एक खरीदी केन्द्र पर कम से कम 50 मजदूर, कंम्प्यूटर आपरेटर और कर्मचारियों की जरूरत होती है। इसकी तादात में अनाज बेचने के लिए किसान और उनका सहयोग करने भी मजदूर आएंगे। ऐसी स्थिति में खरीदी केन्द्रों पर लोगों की संख्या सौ से दो सौ के पार हो जाएगी, समितियों के लिए भीड़ संभालना मुश्किल हो जाएगा।


बारदाने की आएगी समस्या
खरीदी केन्द्रों पर बारदाने की समस्या आएगी। कोरोना के चक्कर में समितियों में पर्याप्त मात्रा में बारदाना नहीं पहुंच पाया है। वैसे भी प्रदेश में सौ लाख टन गेहूं खरीदी के लिए लक्ष्य रखा है, लेकिन बारदाना मात्र 60 लाख टन अनाज रखने के लिए ही पहुंच पाया है। कोरोना के चक्कर में प्रदेश में कोलकाता से ही बारदान नहीं जिलों तक पहुंच पाया है, क्योंकि पिछले 15 दिन से पूरे देश में परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है।

त्रिपाल लगाने को तैयार नहीं व्यापारी
बारिश से अनाज को बचाने के लिए खरीदी केन्द्रों पर टेंट, पन्नी और त्रिपाल लगाना है। कोरोना वायरस का खौफ लोगों में इतना ज्यादा भर हुआ है वे काम पर जाने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। उनके मन में भय है कि वे काम के दौरान अन्य लोगों की संगत में आ कर कहीं से कोराना वायरस से संक्रमित न हो जाए। ऐसे में कारोबारी टेंट लगाने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं, क्योंकि इसकी भी व्यवस्था लेबरों पर ही टिकी हुई है और लेबर उन्हें भी नहीं मिल रहे हैं।

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