ब्यावरा आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास की दशा देख कलेक्टर दंग रह गईं। न किचिन में ढंग के सामान मिले ना ही बच्चों को बिछाने के लिए गद्दे दिए गए थे। पूरे परिसर में गंदगी जमी है, बालिका छात्रावास भी किसी बिल्डिंग में चल रहा।
उन्होंने अधीक्षक राजेंद्र खटीक पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि तुम तो पूरे पॉलिटिकल आदमी लग रहे हो, किसी भी नेता से कॉल करवा देना अब तुम बचने वाले नहीं हो। तुम लोग काम करना नहीं चाहते और बच्चों को भ्रमित कर रहे हो। काम की बजाए राजनीति करने पर तुले हुए हो।
उसी के सामने स्थित बालिका छात्रावास में पहुंचीं कलेक्टर ने वहां की अधीक्षिका पर नाराजगी जाहिर की, वह ढंग से जवाब भी नहीं दे पा रही थी। दोनों ही हॉस्टल की वीडियोग्रॉफी, फोटोग्रॉफी करने के निर्देश उन्होंने एसडीएम, तहसीलदार सौरभ वर्मा, सीएमओ इकरार अहमद को दिए हैं। साथ ही पंचनामा भी तैयार किया जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि तमाम हॉस्टल्स में घटिया स्तर की व्यवस्थाएं मिली हैं, बच्चों को उनकी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। न खाने के ठिकाने है न ही रहने के लिए अन्य व्यवस्थाओं के। इसके बाद कलेक्टर ने ब्यावरा में लगाए जा रहे पैवर्स ब्लॉक को भी देखा, जिसकी धीमी रफ्तार को लेकर ठेकेदार को नोटिस जारी किया।
पूरा रिकॉर्ड खंगालेंगी कलेक्टर…
तीनों ही हॉस्टल की दयनीय स्थिति पर नाराज हुईं कलेक्टर ने आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संचालक को निर्देशित किया है कि पूरा रिकॉर्ड बताएं। साथ ही कहां कौन-कौन अधीक्षक लगे हैं उनकी वास्तविक पोस्ट क्या है इसकी भी जानकारी जुटाई जाएगी? ब्यावरा के दोनों हॉस्टल के अधीक्षकों को भी यहां से हटाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं। हालांकि फिलहाल 10 दिन में व्यवस्थाएं सुधारने को उन्होंने कहा है। कलेक्टर यह भी जांच करेंगी कि जिला अधिकारी के यहां से सामग्री जारी हुई या नहीं? सामग्री हॉस्टल्स तक पहुंची या नहीं।
तमाम बिंदुओं पर विस्तृत जांच करवाऊंगी। बेहद दयनीय स्थिति में हैं उक्त हॉस्टल्स। हमने फिलहाल 10 दिन का समय दिया है। यदि व्यवस्थाएं नहीं सुधरीं तो दोनों ही अधीक्षकों को हटा दिए जाएंगे।
– निधि निवेदिता, कलेक्टर
इधर, जनसुनवाई कलेक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंचे बच्चे…
वहीं दूसरी ओर राजगढ़ जिले के ही काचरी में संचालित होने वाले छात्रावास के बच्चे अधीक्षक और रसोईया से परेशान थे। आए दिन दोनों में विवाद होता रहता था। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पढ़ रहा था।
ऐसे में कुछ बच्चे मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर से अधीक्षक और रसोइया की शिकायत की। बच्चों को देखकर कलेक्टर ने अपने पास रखी कुछ टॉफी बच्चों को देना चाही। लेकिन बच्चे बोले हमें टॉफी नहीं टीसी दिला दीजिए, ताकि अच्छे से पढ़ सकें।
बच्चों की इस बात को सुन कलेक्टर भी कुछ समय के लिए चुप रह गईं और बच्चों को कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जैसे ही जनसुनवाई खत्म हुई वे सीधी बच्चों द्वारा की गई शिकायत की हकीकत जानने छात्रावास पहुंच गईं। जहां जैसे शिकायत मिली थी। वैसा ही नजर आया।
रसोइया और अधीक्षक दोनों में आपस में विवाद है। इसके कारण बच्चे भी परेशान होते हैं। मौके पर पहुंचकर कलेक्टर ने दोनों को फटकारा और विभाग के जिलाधिकारी राठौर को भी जमकर फटकार लगाई। यहां कलेक्टर ने कहा कि कार्यालय में बैठकर जिला नहीं चलता। कभी छात्रावासों में जाकर देखते हो या नहीं। उन्होंने तुरंत दोनों को छात्रावास से हटाने के निर्देश दिए।
बताए कारणों का करेंगे सत्यापन
अव्यवस्थाओं को लेकर पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि लंबे समय से मेंटनेंस का बजट नहीं आया और अन्य क्षेत्रों में भी राशि प्राप्त नहीं हुई। इससे यह समस्या आई। यहां कलेक्टर ने विभाग का रिकार्ड तलब करते हुए सत्यापन कराने की बात कही।
पिछड़ा वर्ग के लिए संचालित तीन छात्रावासों का निरीक्षण किया। कई तरह की अव्वस्थाएं मिली हैं। सुधार के लिए दस दिन का समय दिया है। जबकि काचरी की शिकायत के बाद उन्हें वहां से हटाने के लिए कहा है।
– निधि निवेदिता, कलेक्टर राजगढ़