scriptशिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कॉलेज ब्लैकलिस्ट | College blacklist of minister Govind Singh Rajput in mptet | Patrika News

शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कॉलेज ब्लैकलिस्ट

locationभोपालPublished: Aug 09, 2022 09:31:11 pm

Submitted by:

deepak deewan

वायरल हुआ था पर्चा

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वायरल हुआ था पर्चा

भोपाल. प्रोफेशनल एग्जामिनिशन बोर्ड यानि पीईबी ने प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। पीईबी की मार्च 2022 में हुई प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में गड़बड़ी के कारण यह कार्रवाई की गई है. इस मामले में बोर्ड के चेयरमैन मलय श्रीवास्तव ने कहा है कि सागर के ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट को आगे कभी परीक्षा सेंटर नहीं बनाया जाएगा। ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट के साथ ही ग्वालियर के सर्वधर्म महाविद्यालय को भी अब परीक्षा सेंटर नहीं बनाने की बात कही गई है। चेयरमैन श्रीवास्तव ने बताया कि एमपी नगर पुलिस को गड़बड़ी की रिपोर्ट सौंप दी गई है। इन दोनों कॉलेजों के अलावा शुरुआती रिपोर्ट में 5 अभ्यर्थियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

पीईपी की इस परीक्षा में बड़ी धांधली हुई। परीक्षा के दिन ही पर्चा वायरल हो गया. इसके बाद वायरल हुए एक स्क्रीनशॉट की जांच मैपआईटी को दी गई थी। मैपआईटी ने अपनी जांच में कहा था कि रोल नंबर 23165920 के जिस परीक्षार्थी का पर्चा वायरल बताया है वह परीक्षा में सोच समझकर संगठित तरीके से सेंधमारी है। जिस सिस्टम का यह स्क्रीनशॉट है वह परीक्षा दे रहे स्टूडेंट के सिस्टम से सीधे नहीं लिया गया। एग्जाम सेंटर के सिस्टम में ही सेंधमारी कर उसे बाहर से संचालित किया जा रहा था। मैपआईटी ने अपनी रिपोर्ट व्यापमं को दे दी थी लेकिन तब व्यापमं ने जांच की बात कहकर रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की थी।

पीईबी ने 8 अगस्त को इस परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया। साथ ही ये भी साफ कर दिया कि 2 परीक्षा केंद्रों में परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी। अब आगे की जांच पुलिस करेगी। इसमें जिसकी भूमिका मिलेगी उसके खिलाफ उचित एक्शन लिया जाएगा। चैयरमेन मलय श्रीवास्तव ने कहा है कि प्रारंभिक तौर पर अभी 5 छात्रों की भूमिका ही उजागर हुई है। पुलिस जांच में पता चलेगा कि गड़बड़ी का दायरा ज्यादा है तो फिर इस पर आगे का निर्णय लेंगे। गौरतलब है कि इस परीक्षा में 10 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे।

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