अन्य रहवासियों ने बताया कि खाली प्लॉट पर कई दिनों से कचरा उठाने के लिए गाड़ी नहीं पहुंची है, जिस कारण कचरे के ढेर लगे हैं। घरों से निकलने वाला कचरा भी सड़क किनारे पड़ा है। इसके बावजूद सफाई होना तो दूर की बात, गंदगी लगातार बढ़ रही है। स्वच्छता सर्वे के समय सफाई को लेकर जो सख्ती बरती गई थी, वो अब नजर नहीं आ रही है।
स्वच्छता सर्वे खत्म होने के बाद सड़कों पर फिर से कचरा नजर आने लगा है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के काम में लगे वाहन व सफाई कर्मचारी लापरवाही कर रहे हैं। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लगे कचरे के ढेर से उठती दुर्गंध परेशानी का कारण बन रही है। क्षेत्रीय रहवासी ने बताया कि क्षेत्र में सफाईकर्मी कचरे का ढेर लगा देते हैं, जो चार से पांच दिन तक नहीं उठता। शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
शहर में बारिश के जारी दौर में गंदगी न हटने से यहां संक्रामक रोग का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि गंदगी के चलते बदबू बढ़ रही है, मच्छरों की भरमार बढ़ रही है, जिससे बच्चों व बुजुर्गों को मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। हम सभी रहवासियों की मांग है कि यहां सफाई की उचित और नियमित व्यवस्था की जाए। पहले भी कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से इस संबंध में शिकायत की गई है, लेकिन कोई बदलाव होता तो नहीं दिखा।