scriptसुबह आए, दोपहर तक नहीं मिला बच्चा | Come in the morning, did not find the baby till noon | Patrika News

सुबह आए, दोपहर तक नहीं मिला बच्चा

locationभोपालPublished: Jul 14, 2018 07:45:44 am

Submitted by:

Rohit verma

अंदर चलती रही बैठक, बालिका गृह के सामने सडक़ पर बैठे रहे परिजन

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सुबह आए, दोपहर तक नहीं मिला बच्चा

भोपाल. साहब, मेरे भाई के 14 साल के बेटे ने 10 दिन पहले गुस्से में घर छोड़ दिया था। वह झाबुआ से भोपाल कैसे पहुंचा यह तो नहीं पता। दो दिन पहले हमारे घर पर दो पुलिस वाले आए और भोपाल के बालिका गृह का पता दिया। उन्होंने कहा, वहां तुम्हारा बच्चा मिल जाएगा।

बस यही आस लिए हम झाबुआ से भोपाल आए हैं। हमें कहा गया था, सुबह जल्दी पहुंचोगे तो बेटा जल्दी मिल जाएगा, नहीं तो रात हो जाएगी। हम खेती-किसानी करने वाले लोग हैं। पहली बार भोपाल आए हैं। बेटे को जल्दी घर ले जाने के लिए सुबह 10 बजे ही बालिका गृह पहुंच गए।

दोपहर के तीन बज गए, पर बच्चे की कोई जानकारी नहीं दे रहा है। बालिका गृह के कर्मचारियों ने कह दिया कि गेट के बाहर बैठो। यह कहना था बच्चे के चाचा राकेश बापू का, जो भाई के बेटे को लेने आए।

उन्होंने बताया कि बड़े भाई 10 साल पहले गुजर गए हैं। उन्होंने ही बेटे का पालन-पोषण किया। वह मानसिक कमजोर है। जल्द कोई बात समझ नहीं पाता। करीब 10 घंटे के सफर के बाद नेहरू नगर पहुंचे।

बच्चे की एक झलक पाने के लिए तरस रहे हैं। न तो बालिका गृह के कर्मचारी कुछ बता रहे हैं और न ही परिसर के अंदर बैठने दे रहे हैं, जिससे सडक़ पर बैठकर समिति की बैठक शुरू होने का इंतजार करना पड़ रहा है।

सुनवाई के लिए पहुंचे हरिशंकर शाक्य ने बताया, पत्नी से विवाद के कारण दोनों अलग हो गए। चार साल का बेटा है, जिसे कोर्ट ने मां को सौंपा था।

दो दिन पहले पत्नी घर में बेटे को छोडकऱ चली गई। बच्चा अब उसके पास है, जिसकी जानकारी बाल कल्याण समिति को देने आया है। सुबह 11 बजे से बैठक शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
दोपहर 3:30 बज गए, समिति की बैठक शुरू नहीं हुई।
कलेक्टर के साथ मीटिंग थी इस कारण बैठक समय पर शुरू नहीं हो पाई है। सत्येंद्र जाटव, सदस्य, बाल कल्याण समिति

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