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आयोग ने केतली, कटहल, बाली और सूप को बनाया चुनाव चिन्ह

locationभोपालPublished: Mar 18, 2019 07:46:53 am

Submitted by:

Ashok gautam

आयोग ने केतली, कटहल, बाली और सूप को बनाया चुनाव चिन्ह
चुनाव आयोग ने जारी की 37 और चुनाव चिन्हों की सूची
 

CG Politics

लोकसभा चुनाव 2019 : सियासी जंग फतह करने में जुटे राजनीतिक दल

भोपाल। लोकसभा चुनाव में इस बार आपको कान की बालियां, सूप, अदरक, केतली, कटहल जैसे चुनाव चिन्ह देखने को मिलेंगे। प्रत्श्याशियों की संख्या में इजाफा होने के कारण चुनाव आयोग ने इस बार 37 नए चुनाव चिन्हों की सूची जारी की है।
चुनावों में उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है और चुनाव चिन्ह कम होते जा रहे हैं। राजनीतिक दल कई चुनाव चिन्हों को लेकर आयोग के सामने ना-नुकूर करने लगते हैं, इसके चलते आयेग को ऐन वक्त पर चिन्ह बदलना पड़ता है।
प्रदेश में लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर जहां मुख्य धारा की पार्टियां रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं, वहीं कई स्थानीय राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव चिंह को लेकर आयोग में दौड़ लगाना शुरू कर दिया है।
वे इस प्रयास में जुटे हैं कि उन्हें उनका पसंदीदा या चर्चित चुनाव चिन्ह मिले, जिससे उन्हें चुनाव प्रचार में कोई दिक्कत न हो।

इसके साथ ही जब वे इस चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव मैदान में जाएं तो उन्हें को प्रदर्शित करने और बताने में किसी तरह की हिचकिचाहट महसूस न हो, कई बार गाजर, मूली, टोपी, कद्दू को लेकर प्रत्याशी मुंह बनाने लगते हैं।
इसके साथी प्रत्याशी यह चाहते हैं कि ऐसा चुनाव चिन्ह मिले जिससे उन्हें ग्रामीण, आदिवासी और उम्रदराज मतदाताओं को चुनाव चिन्हों में भेद करने में मुश्किल न हो। पेन ड्राइव, लूडो, टीवी रिमोट, सूप जैसे चुनाव चिन्ह कई मतदाताओं को भ्रम में डाल सकते हैं। आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले तक 162 चुनाव चिन्ह जारी किए थे।
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कॉमन चुनाव चिन्ह लेने उम्मीदवारी की दिक्कत
स्थानीय राजनीतिक दलों को सभी राज्यों में एक जैसे चुनाव चिन्ह लेने के लिए उम्मीदवारी की दिक्कत आती है। पार्टियों को कॉमन सिम्बल लेने के लिए सभी राज्यों में पांच प्रतिशत उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारना करना पड़ेगा।
इससे कम प्रत्याशी खड़ा करने पर उनका चुनाव चिन्ह बदल जाता है। उन्हें उसी तरह से चुनाव चिन्हों का आवंटन होता है जैसे निर्दलीय उम्मीदवारों को किया जाता है।

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पहले आओ-पहले पाओ चिन्ह
स्थानीय राजनैतिक दलों को समान चिन्ह लेने के लिए चुनाव अधिसूचना जारी होने के 15 दिन के अंदर उन्हें निर्वाचन आयोग में आवेदन देना पड़ता है। समान चुनाव चिन्ह का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाता है।
निर्दलीय उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाखिल करते समय चुनाव चिन्हों का आवंट किया जाता है। आवेदन के साथ ही उन्हें तीन चिन्हों की सूची देना पड़ता है, इसमें एक किसी चिन्ह का उन्हें आवंटन किया जाता है।
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