नरोत्तम मिश्रा को पेड न्यूज का मामले में चुनाव आयोग ने दोषी पाते हुए जून 2017 में अयोग्य घोषित कर दिया था। नरोत्तम मिश्रा इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गए थे। जहां से यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट भेजा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने १८ मई २०१८ को चुनाव आयोग का फैसला निरस्त करते हुए नरोत्तम मिश्रा को राहत दी थी। लेकिन इस मामले में चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट चला गया। सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। आयोग का कहना है कि अयोग्यता को लेकर उसने पुराना आदेश डाल दिया था, जिसे सुधार दिया गया है।
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चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर विभिन्न अधिनियमों को तहत विधायकों और प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है और उन्हें अयोग्य घोषित किया जाता है। इसकी सूची आयोग द्वारा उन राज्यों को भेजी जाती है जहां चुनाव होना है। आयोग ने इस तरह की एक सूची वेबसाइड में डाली थी, जिसमें नरोत्तम मिश्र का भी नाम था। इस सूची के संबंध में आज मुझे जानकारी मिली, इस संबंध में आयोग को अवगत कराया गया। आयोग ने इस सूची को तत्काल हटाकर अपडेट सूची वेबसाइड में डाल दी है, जिसमें अब नरोत्तम मिश्रा का नाम नहीं है।
वीएल कांताराव, मप्र मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
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दिल्ली हाईकोर्ट चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ निर्णय दे चुका है । चुनाव आयोग ने अपनी सूची में सुधार क्यों नहीं किया, यह समझ से परे है। आयोग ने लिपिकीय त्रुटि को दूर कर सही फैसला भी डाल दिया है। मैं चुनाव अवश्य लड़ूंंगा।
डॉ नरोत्तम मिश्रा, जलसंसाधन मंत्री मप्र