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दिवाली गिफ्ट पर आयोग की नजर, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई

locationभोपालPublished: Oct 24, 2018 08:30:52 am

Submitted by:

Ashok gautam

विधानसभा क्षेत्र के लिए एक-एक एक्सपेंडीचर आब्र्जवर नियुक्ति

Politicians Must Pay Outstanding Bills Of Circuit House and dak bangla

राजस्थान का रण : चुनाव आयोग ने जारी किए निर्देश, अगर लडऩा है चुनाव तो पहले करना होगा यह काम

चुनाव आयोग प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक-एक एक्सपेंडीचर आब्र्जवर नियुक्ति किया है। चुनाव के दौरान मतदाताओं को बाटे जाने वाले पैसे, शराब, सामान अथवा अन्य चीजों पर टीम अपनी नजर रखेगी।

वहीं दिवाली और त्यौहारों के समय प्रत्याशियों के द्वारा बाटे जाने वाले गिफ्टों पर भी आयोग की नजर रहेगी। मुख्य निर्वाचन पदधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि दिवाली अथवा त्यौहर पर गिफ्ट देने और लेने पर कोई रोक नहीं है।

लेकिन अगर प्रत्याशी चुनाव के दौरान गिफ्ट बांटते हैं, तो इसे उनके चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा और इसके साथ ही इसे प्रलोभन की श्रेणी में रखा जाएगा। मस्जिदों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।

एेसा करने वाले राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों पर धर्म के दुरूपयोग का भी मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़ी हुई मुख्यमंत्री की दो शिकायतें आयोग में आई हैं, दोनों के संबंध में कलेक्टर से रिपोर्ट बुलाई गई है। कांताराव ने बताया कि इधर विदिशा में चल समारोह की घटना के संबंध में भी कलेक्टर से रिपोर्ट बुलाई गई है।

राजनैतिक दल, प्रत्याशी आदर्श आचरण संहिता का पालन के सुझाव-


मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी व्हीएल कान्ता राव ने सभी राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों से आदर्श आचरण संहिता का पालन करने को कहा है, जिससे निष्पक्ष ,निर्भीक समावेशी, सुगम और नैतिक मतदान करवाया जा सके। चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्येक दल और प्रत्याशी के लिए आवश्यक है कि वह ऐसी किसी भी बातों और कार्यो से बचे, जिससे आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन हो।

किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो विभिन्न जातियों, धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना को उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे।
अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाये तो उसकी नीतियों एवं कार्यक्रम और पूर्व रिकार्ड कार्य तक ही सीमित होना चाहिए। किसी के व्यक्तिगत जीवन के पहलुओं की आलोचना नहीं की जाना चाहिए।

दलों या अन्य कार्यकर्ताओं के बारे में ऐसी कोई आलोचना नहीं की जाना चाहिये, जो ऐसे आरोपों पर सत्यता स्थापित न हुई हो। मत प्राप्त करने के लिये जाति या साम्प्रदायिक भावना की दुहाई नहीं देना चाहिये। मस्जिदों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
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