प्रोफेशनल लाइफ में पानी है सक्सेज तो बातचीत से लोगों को करें इंप्रेस, जानिए कैसे
प्रोफेशनल लाइफ में पानी है सक्सेज तो बातचीत से लोगों को करें इंप्रेस, जानिए कैसे

भोपाल। संवाद की कला जीवन के हर क्षेत्र में काम आती है। इस कला के जरिए आप अपने विचारों को भी बेहतर रूप से व्यक्त कर सकते हैं। बिना संवाद के रिश्तों की नींव रखना भी मुश्किल होता है, भले ही वे रिश्ते आपके व्यक्तिगत जीवन से जुड़े हों या फिर व्यावसायिक जीवन से। सामाजिक सर्कल बनाना हो, कोई बिजनेस शुरू करना हो या फिर कॅरियर में आगे बढऩा हो, हर काम में सफलता तभी मिलेगी, जब आपका संवाद कौशल अच्छा होगा। कई बार बड़ी-बड़ी समस्याएं भी संवाद के माध्यम से हल हो जाती हैं लेकिन बोलने का मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी बोलना शुरू कर दें, बल्कि आपका संवाद प्रभावी होना चाहिए।
प्रशंसा से करें शुरू
यदि आप अंतर्मुखी हैं और लोगों की भीड़ में संवाद करने से घबराते हैं, तो संवाद शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी की प्रशंसा करते हुए बात शुरू करें। आप यह कहते हुए बातचीत शुरू कर सकते हैं कि, 'आपकी ड्रेस अच्छी लग रही है या पर्सनेलिटी अच्छी है आदि। इस तरह की बातचीत से संवाद को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। साथ ही सामने वाला व्यक्ति भी आपके साथ संवाद करने में रुचि लेगा। इसलिए किसी भी तरह का संवाद स्थापित करते समय अपने दिमाग में यह बात रखें कि आपको हमेशा पॉजिटिव शुरुआत करनी है।
बहुत लंबा न हो संवाद
कुछ लोग बातों के इतने शौकीन होते हैं कि कहीं भी, किसी भी इंसान से लंबा विमर्श शुरू कर देते हैं। ऐसे लोग यह नहीं सोचते कि इससे सामने वाले व्यक्ति का समय खराब होगा। इस तरह के लोगों से बात करने में अधिकतर लोग कतराते हैं। इसलिए बेहतर संवाद कला वही है, जिसमें आप कम समय में अपने विचारों को प्रभावी तरीके से व्यक्त कर सकें। इसलिए किसी भी व्यक्ति के साथ संवाद शुरू करने के साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आपको सामने वाले व्यक्ति का अधिक समय नहीं लेना है।
प्रोफेशनल संवाद में रखें ध्यान
यदि आपका संवाद छोटा होगा तो इसका एक फायदा यह भी होगा कि आप एक विषय से दूसरे विषय पर आसानी से मूव कर सकते हैं। इसका फायदा प्रोफेशनल लाइफ में अवश्य मिलता है। आप अपने सीनियर्स या मेंटर के साथ बिताए गए समय को ज्यादा से ज्यादा उपयोगी बना सकते हैं। प्रोफेशनल संवाद के दौरान प्रश्न करने की आदत भी होनी चाहिए। इससे आपको न केवल नई जानकारी मिलेगी, बल्कि ऐसे लोगों के मार्गदर्शन में आगे बढऩे की प्रेरणा मिलेगी। संवाद के दौरान आपकी यही जिज्ञासु प्रवृत्ति नए अवसर दिलाएगी। इसलिए संवाद के दौरान स्पष्ट और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें।
बोलने का मौका दें
संवाद के दौरान यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि केवल आप ही बोलते न रहें, बल्कि दूसरे लोगों को भी बोलने का मौका दें, नहीं तो सामने वाले व्यक्ति को आपसे बातचीत करने में कोई रुचि नहीं होगी। ऐसा संवाद बोरिंग और नीरस होता है। इसलिए जब आपको लगने लगे कि आपके संवाद में लोगों की रुचि नहीं है तो आप तुरंत प्रभाव से कोई प्रश्न करते हुए सामने वाले व्यक्ति को बोलने का मौका दें। साथ ही उसकी बातों को ध्यान दें। इस तरह बेहतर संवाद स्थापित होगा।
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