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ऑनलाइन इंटरव्यू कर मजदूरों का सिलेक्शन करेगी कंपनी

locationभोपालPublished: Jun 16, 2020 07:40:01 pm

Submitted by:

Arun Tiwari

जॉब फेयर के जरिए सरकार ने की प्लेसमेंट की तैयारी
मजदूरों को एसएमएस से भेजी जाएगी जॉब फेयर की जानकारी पांच दिन में दो हजार मजदूरों को मिला काम
 

ऑनलाइन इंटरव्यू कर मजदूरों का सिलेक्शन करेगी कंपनी

ऑनलाइन इंटरव्यू कर मजदूरों का सिलेक्शन करेगी कंपनी

भोपाल : कोरोना की आपदा के कारण लॉकडाउन के चलते प्रदेश में वापस लौटे 7 लाख प्रवासी मजदूरों को काम दिलाने के लिए सरकार ने आधुनिक तरीका अपनाया है। जिस तरह से पढ़े लिखे युवाओं का कैंपस सिलेक्शन होता है उसी तरह सरकार हर जिले में जॉब फेयर लगाकर मजदूरों का प्लेसमेंट कराएगी। मजदूरों के हुनर के आधार पर कंपनी उनका चयन करेगी। जॉब फेयर की तारीख तय कर जिले के मजदूरों और नियोक्ता कंपनी को एसएमएस भेजकर समय और स्थान बताया जाएगा। जो नियोक्ता उस जॉब फेयर में नहीं आ पाएगा उससे संपर्क स्थापित करने की जिम्मेदारी सरकार की होगी इसके लिए एक नोडल ऑफिसर भी नियुक्त किया जा रहा है। उस कंपनी के लोग ऑनलाइन इंटरव्यू कर अपनी जरुरत के हिसाब से मजदूरों का सिलेक्शन करेंगे। सरकार ने सभी कलेक्टरों को जॉब फेयर आयोजित कर मजदूरों के प्लेसमेंट की जिम्मेदारी सौंप दी है।

मजदूरों की फैक्ट फाइल :
– कुल रजिस्टर्ड प्रवासी मजदूर – 730311
– पुरुषों की संख्या – 596975
– महिलाओं की संख्या – 133336
– असंगठित क्षेत्र के मजदूर – 369792
– निर्माण कार्यों में लगे मजदूर – 222525
– कारखानों में लगे मजदूर – 137994

5 दिन में 2 हजार को मिला जॉब :
रोजगार सेतु में साढ़े सात लाख प्रवासी मजदूरों के नाम,पते के अलावा उनकी पढ़ाई और योग्यता भी दर्ज है। इसी पोर्टल पर 11 हजार से ज्यादा नियोक्ताओं ने भी पंजीयन किया है। पिछले पांच दिनों में 2 हजार से ज्यादा मजदूरों को काम मिला है। इनमें से 500 काम पर लग गए हैं जबकि 1500 नियुक्ति की प्रक्रिया में हैं।

एक जॉब फेयर पर खर्च किए जाएंगे 5 लाख रुपए :
एक जॉब फेयर पर सरकार पांच से सात लाख रुपए खर्च करेगी। जिस मेले में 300-500 मजदूर भाग लेंगे उस पर पांच लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। जबकि 500 से अधिक मजदूर होने पर सरकार सात लाख रुपए खर्च करेगी। मजदूरों को लाने ले जाने के लिए परिवहन व्यवस्था सरकार की रहेगी और एक समय का खाना-पीन भी दिया जाएगा। सरकारी भवन में ये मेला आयोजित हेागा जिसमें कोरोना प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा।

तीन महीने तक फॉलोअप लेगी सरकार :
सरकार मजदूरों के प्लेसमेंट के बाद उसकी निगरानी भी करेगी। नियोजकों और मजदूरों से हर 15 दिन में सरकार कॉल सेंटर के जरिए जानकारी लेगी। इसके अलावा भौतिक सत्यापन कर तीन महीने तक रोजगार सेतु से ऑन लाइन ट्रेकिंग भी की जाएगी।

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