scriptएक्सपायरी डेट की दवाएं खुले में फेंकते निगम अमले ने पकड़ा, एफआइआर दर्ज | company worker Arrested: expiry date drug thrown at open ground | Patrika News

एक्सपायरी डेट की दवाएं खुले में फेंकते निगम अमले ने पकड़ा, एफआइआर दर्ज

locationभोपालPublished: Jul 23, 2019 12:49:33 pm

गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र की हर्ष पॉलीमर्स कंपनी के कर्मचारी…

expiry drug
भोपाल। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अमले ने सोमवार को सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की जाने वाली एक्सपायरी डेट की दवाओं को खुले में फेंक रहे कर्मचारियों को पकड़ा।

गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र की हर्ष पॉलीमर्स कंपनी के कर्मचारी बायोमेडिकल वेस्ट फेंक रहे थे। प्रभारी एचओ राकेश शर्मा और टीम इन दवाओं को जब्त कर लोडिंग ऑटो से जोन 14 के कार्यालय ले आए। इसके बाद निगमायुक्त बी विजय दत्ता और अपर आयुक्त राजेश राठौर के निर्देश पर निगम की टीम अशोका गार्डन थाने पहुंची और मामला दर्ज कराया।
थाने में हर्ष पॉलीमर कंपनी के मालिक कैलाश कौशिक को बुलाया गया। कौशिक ने बताया कि फैक्ट्री में प्लास्टिक के दाने बनते हैं, पर वे सरकारी अस्पतालों और संस्थाओं में दवाओं की सप्लाई भी करते हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नहीं है अनुमति
जांच में पता चला कि प्लास्टिक के दाने बनाने वाली फैक्ट्री के पास प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अनुमति नहीं है। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को बुलाया गया।
जब्त की गई दवाओं में 2017-18 में एक्सपायर हो चुके सीरप, इंजेक्टशन शामिल थे। इन सभी पर नॉट फार सेल दर्ज था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

इधर, बोगस कंपनियां जारी कर रहीं फर्जी बिल, कार्रवाई के लिए अब खंगाले जा रहे रेकॉर्ड :-
वहीं एक अन्य मामले में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद लंबे समय से जांच का काम लगभग बंद होने से मध्यप्रदेश में फर्जी कंपनियों की बाढ़ आ गई।

ऐसी कई कंपनियों ने न केवल बिल जारी किए, बल्कि विभागों से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ भी लिया। हाल ही में इंदौर, जबलपुर में ऐसी करीब डेढ़ दर्जन कंपनियों का भंडाफोड़ विभाग ने किया है।
इसके बाद उन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन और रिटर्न की जांच की जा रही है, जो विभाग में रजिस्टर्ड हैं। इस मामले में वाणिज्यिक कर विभाग की 24 जुलाई को इंदौर स्थित मुख्यालय में होने वाली बैठक में दिशा-निर्देश जारी हो सकते हैं।
सीजीएसटी एवं एसजीएसटी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जीएसटी लागू होने के समय कई नई कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद इन कंपनियों ने बिलिंग का धंधा शुरू कर दिया। पिछले महीने प्रदेश के कुछ शहरों में जब ऐसी कंपनियां पकड़ में आई तो विभाग हरकत में आया।
नोटिस कर रहे जारी
बिना माल सप्लाई किए आईटीसी का लाभ लेने वाली फर्मों का डाटा तैयार किया जा रहा है। कुछ फर्मों को नोटिस भी जारी किए हैं। सूत्रों का कहना है कि बोगस पंजीयन वाली फर्मों की संख्या प्रदेश में एक हजार से अधिक हो सकती है।
बोगस कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। रिटर्न के आधार पर भी देखा जा रहा है। नोटिस भी जारी हो रहे हैं।
– आरपी श्रीवास्तव, संयुक्त आयुक्त, राज्य कर

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