कंपाउंडिंग सीमा बढ़ाने तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा कार्यकाल में नगर निगम परिषद ने बकायदा प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। इसमें बताया गया था कि एक लाख से अधिक भवनों में 50 फीसदी तक अतिरिक्त निर्माण है। इससे दायरा 50 फीसदी या इससे अधिक किया जाए। हालांकि शासन के लिए ये संभव नहीं था। ऐसे में इसे 30 फीसदी ही किया गया।
नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा निर्माण की अनुमति देती है और अनुमति के अनुसार ही निर्माण हो इसके लिए जोन स्तर पर इंजीनियर तय है, लेकिन ये जांच नहीं करते हैं। यही वजह है कि निगम से अनुमति लेने के बाद मनमर्जी से निर्माण कर लिया जाता है जो नगर नियोजन की स्थिति तो खराब करता ही है, संबंधित क्षेत्र में भी अन्य लोगों के लिए परेशानी बनाता है।
कंपाउंडिंग के लिए इंजीनियर्स को निर्देशित किया हुआ है। शासन के निर्देश और नियमों के तहत ही निर्माण नियमित किए जाएंगे। बाकी पर कार्रवाई करेंगे।
– केवीएस चौधरी, निगमायुक्त