scriptकंपाउंडिंग 30 फीसदी तक, लेकिन नहीं मिलेगा पूरा लाभ | compounding rules | Patrika News

कंपाउंडिंग 30 फीसदी तक, लेकिन नहीं मिलेगा पूरा लाभ

locationभोपालPublished: Jul 27, 2021 10:34:45 pm

भोपाल। अनुमति से अतिरिक्त निर्माण को कंपाउंडिंग से वैध करने की सीमा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की गई है, लेकिन इससे पूरा लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा।

कंपाउंडिंग 30 फीसदी तक, लेकिन नहीं मिलेगा पूरा लाभ

कंपाउंडिंग 30 फीसदी तक, लेकिन नहीं मिलेगा पूरा लाभ


भोपाल। अनुमति से अतिरिक्त निर्माण को कंपाउंडिंग से वैध करने की सीमा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की गई है, लेकिन इससे पूरा लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा। इसकी वजह है शहर में करीब दो लाख निर्माण ऐसे हैं, जिसमें अनुमति से अधिक निर्माण किया हुआ है। करीब एक लाख निर्माणों में 50 फीसदी से अधिक अतिरिक्त निर्माण है। इनके निर्माण नए नियम आने के बावजूद नियमित नहीं होंगे। जाहिर है, पूरा लाभ नहीं मिलेगा।
कंपाउंडिंग के तहत मौजूदा कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार शुल्क जमा कर अतिरिक्त निर्माण को वैध किया जाता है। हाल में जारी नोटिफिकेशन के तहत इसे 30 फीसदी तक किया गया है। नगर निगम को कंपाउंडिंग से करीब अरब रुपए की अतिरिक्त आय का अनुमान है, लेकिन जमीनी हकीकत को देखें तो 30 फीसदी तक अतिरिक्त निर्माण करने के मामले बमुश्किल पांच हजार है। अधिकतर ने 30 फीसदी से अधिक अतिरिक्त निर्माण किया हुआ है। इससे निगम नए नियम के बावजूद इन्हें नियमित नहीं कर पाएगा।
गौरतलब है कि शहर में करीब साढ़े लाख भवन है और 60 फीसदी से अधिक में अतिरिक्त निर्माण है। हाल में निगमायुक्त ने भवन अनुज्ञा इंजीनियर्स को बिल्डर्स की सूची देकर यहां कंपाउंडिंग करने का लक्ष्य तय किया था। इंजीनियरों को कंपाउंडिंग से कमाई का लक्ष्य भी तय किया था, हालांकि इसे प्राप्त नहीं किया जा सका। नगर निगम ने अपने बजट में निगम की कमाई का बड़ा जरिया, कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र के साथ ही कंपाउंडिंग से होने वाली आय बताया है।
50 फीसदी होती कंपाउंडिंग सीमा तो एक लाख भवन होते पात्र
कंपाउंडिंग सीमा बढ़ाने तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा कार्यकाल में नगर निगम परिषद ने बकायदा प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। इसमें बताया गया था कि एक लाख से अधिक भवनों में 50 फीसदी तक अतिरिक्त निर्माण है। इससे दायरा 50 फीसदी या इससे अधिक किया जाए। हालांकि शासन के लिए ये संभव नहीं था। ऐसे में इसे 30 फीसदी ही किया गया।
अनुमति के बाद जांच नहीं, इसलिए अवैध अतिरिक्त निर्माण
नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा निर्माण की अनुमति देती है और अनुमति के अनुसार ही निर्माण हो इसके लिए जोन स्तर पर इंजीनियर तय है, लेकिन ये जांच नहीं करते हैं। यही वजह है कि निगम से अनुमति लेने के बाद मनमर्जी से निर्माण कर लिया जाता है जो नगर नियोजन की स्थिति तो खराब करता ही है, संबंधित क्षेत्र में भी अन्य लोगों के लिए परेशानी बनाता है।
कोट्स
कंपाउंडिंग के लिए इंजीनियर्स को निर्देशित किया हुआ है। शासन के निर्देश और नियमों के तहत ही निर्माण नियमित किए जाएंगे। बाकी पर कार्रवाई करेंगे।
– केवीएस चौधरी, निगमायुक्त

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो