11 मार्च को नियुक्त था अध्यक्ष
जानकारी के अनुसार 11 मार्च को आचार संहिता लगने के थोड़ी देर पहले ही कमलनाथ सरकार ने कम्प्यूटर बाबा को ‘मां नर्मदा, मां शिप्रा एवं मां मंदाकिनी नदी न्यास’ का अध्यक्ष नियुक्त था। लेकिन जो लेटर जारी किया गया था उस लेटर में 8 मार्च 2018 की डेट ड़ाली गई थी।
मार्च 2018 में भाजपा की सरकार थी
मार्च 2018 में मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार थी और शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। शिवराज सिंह ने कम्प्यूटर बाबा को राज्यमंत्री का दर्ज दिया था लेकिन चुनाव के ठीक पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस के समर्थन में आ गए थे।
शरीर की शुद्धि की थी
राजधानी में साधु-संतों का अधिवेशन कर राज्यमंत्री का दर्जा छोडऩे वाले कम्प्यूटर बाबा अक्टूबर 2018 में खुलकर राज्य सरकार के खिलाफ आ गए थे। उन्होंने अधिवेशन के बाद कहा कि अधर्मी सरकार में रहकर मैं अपवित्र हो गया था, इसलिए उदयपुरा में नर्मदा स्नान कर शरीर की शुद्धि की।
गलती थी और मैं सरकार में शामिल हो गया
2 अक्टूबर 2018 को बाबा ने कहा था कि आठ दिनों में इंदौर, भोपाल या जबलपुर में से किसी एक शहर में धर्म संसद बुलाई जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय होगी। पत्रकारों से चर्चा करते हुए कम्प्यूटर बाबा ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार में शामिल होने का उद्देश्य नर्मदा एवं धर्म की रक्षा करना था, लेकिन गलती थी और मैं सरकार में शामिल हो गया।