नामों पर रविवार को वरिष्ठ नेता चर्चा करेंगे, फिर फाइनल कर रविवार रात तक घोषित किया जा सकता है। बैठक में यह भी तय किया गया कि रविवार को सांसदों-विधायकों सहित अन्य बैठकें स्थगित कर दी जाएं। इनके स्थान पर जिलों की चयन समिति की बैठक बुलाई गई है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा रविवार को फिर बैठक कर पहली सूची फाइनल करेंगे। जिलों की चयन समिति से पार्षदों के नाम भी रविवार को लिए जाएंगे। देर रात तक पार्षदों के नाम भी फाइनल कर दिए जाएंगे। पहले यह शेड्यूल में नहीं था।
इंदौर, भोपाल और ग्वालियर पर पेंच
16 नगर निगमों में मुख्य रूप से इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर पर खासा पेंच है। ग्वालियर क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को भी एडजस्ट करना होगा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी कोर ग्रुप का हिस्सा हैं। इस कारण उनका संतुलन भी रहना है, इसीलिए ग्वालियर को लेकर खींचतान है। भोपाल के तीनों भाजपा विधायकों की राय अलग है। सत्ता और संगठन की राय भी अलग है। इंदौर में आरएसएस का चेहरा आ सकता है। उक्त सीटों पर कोई सहमति नहीं बनती है तो मार्गदर्शन भी लिया जा सकता है।
दिन में रायशुमारी: वीडी और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने शनिवार को दिनभर संभागीय समितियों से वर्चुअल संवाद किया। नेताओं के चेहरों और चुनाव की रणनीति को लेकर बातचीत की। कई दौर में बैठक चली। इसके बाद वीडी प्रदेश कार्यालय पहुंचे। दावेदारों से चर्चा की। कई दावेदार बायोडाटा भी सौंप कर गए। इसके बाद चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक हुई।
मतभेद खूब, पर कसावट का डंडा
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जैसी सीटों को लेकर पेंच फंसा है। इन्हें लेकर वरिष्ठ नेता एकमत नहीं हैं। भोपाल में कृष्णा गौर को मजबूत माना गया, लेकिन विधायक को टिकट न देने की लाइन है। ऐसे में मार्गदर्शन लिया जा सकता है। नामों के ऐलान के पहले सत्ता-संगठन मतभेदों को मैदानी तौर पर दूर करने की रणनीति अपनाएगा। बैठक में भी मतभेद उभरे, पर साफ संदेश दिया गया है कि चेहरा चाहे जो भी हो, लेकिन नेता एकजुट रहकर उसके लिए काम करेंगे।
आना-जाना चलता रहा
प्रदेश कार्यालय में दिनभर दिग्गज नेताओं का आना-जाना रहा। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, वीरेंद्र खटीक और फग्गन सिंह कुलस्ते आदि पहुंचे। सांसदों को भी बैठक की सूचना दी गई थी। इसके अलावा दावेदार भी आते रहे। पूरे दिन कार्यालय में भारी भीड़ रही।
सिंधिया फैक्टर अहम
प्रदेश भाजपा ने जिला चयन समिति और 76 नगर पालिका चुनाव प्रभारियों की घोषणा भी की। इस बार टिकटों के फैसले में सिंधिया फैक्टर अहम है। खासतौर पर ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया समर्थकों के नामों को लेकर मशक्कत है। केंद्रीय मंत्री तोमर भी ग्वालियर-चंबल के लिए सक्रिय हो गए हैं। सिंधिया के दबदबे के कारण ही संभागीय समिति में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को शामिल किया गया है। बैठक में सिंधिया काफी लेट हो गए। मंत्री नरेंद्र सिंह जल्दी रवाना हो गए। तोमर सिंधिया के आने से पहले ही जा चुके थे। सिंधिया आए, तो ग्वालियर चंबल की सीटों को लेकर विशेष चर्चा की।