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कांग्रेस के लिए बसपा का तोड़ हो सकता है जयस से गठबंधन, 28 सीटों पर होगा समझौता!

locationभोपालPublished: Oct 25, 2018 03:58:19 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

यह गठबंधन कांग्रेस के लिए कई मायनों में खास अहमियत रखता है।

भोपाल. मध्यप्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस जयस के साथ गठबंधन कर सकती है। सूत्रोंके अनुसार, जयस और कांग्रेस के बीच 28 सीटों पर गठबंधन हो सकता है। यह गठबंधन कांग्रेस के लिए कई मायनों में खास अहमियत रखता है। बसपा-सपा के साथ गठबंधन नहीं होने की कमी को जयस पूरा कर सकता है। माना जा रहा है कि जयस के गठबंधन के कारण कांग्रेस प्रदेश के आदिवासी वोट बैंक को अपने पाले में ला सकता है। पिछले दो चुनाव में कांग्रेस की हार का बड़ा कारण 21 फीसदी वोट ही है। प्रदेश की 47 आदिवासी आरक्षित सीटों में से 32 भाजपा के पास हैं और सिर्फ 15 कांग्रेस के पास हैं।
जयस ने कांग्रेस से धार, कुक्षी, मनावर, गंधवानी, अलीराजपुर, जोबट, भाभरा, झाबुआ, थांदला, रतलाम ग्रामीण, पेटलावद, सैलाना, बडवानी, सेंधवा, पानसेमल, महेश्वर, नेपानगर, खरगोन, सीट्स मांगी हैं। इनमें से अधिकतर सीट भाजपा से पास हैं। जयस कुक्षी और मनावर सीट पर अपनी ज़मीन तैयार कर रही है। कांग्रेस की मुश्किल ये है कि पांच दशक से कुक्षी कांग्रेस का गढ़ है।
बसपा का तोड़: कांग्रेस का यह कदम बसपा के साथ गठबंधन नहीं होने की तोड़ भी कहा जा सकता है। मध्यप्रदेश की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर कांग्रेस औऱ भाजपा से साथ बसपा लड़ाई में रहती है। यूपी से सटे जिलों में बसपा का वर्चश्व देखने को मिलता है। ऐसे में अगर कांग्रेस जयल के साथ गठबंधन करने में सफल होती है तो वह बसपा के गठबंधन नहीं होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकती है। अबकी बार मध्य प्रदेश में आदिवासी सरकार का नारा देने वाले जयस के राष्‍ट्रीय संरक्षक डॉ हीरालाल अलावा के अनुसार, जयस मुख्य रूप से पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ, धार, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास एवं बड़वानी जिलों के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी, क्योंकि इन इलाकों में आदिवासी मतदाताओं की संख्या बड़ी तादाद में है।
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