जयस ने कांग्रेस से धार, कुक्षी, मनावर, गंधवानी, अलीराजपुर, जोबट, भाभरा, झाबुआ, थांदला, रतलाम ग्रामीण, पेटलावद, सैलाना, बडवानी, सेंधवा, पानसेमल, महेश्वर, नेपानगर, खरगोन, सीट्स मांगी हैं। इनमें से अधिकतर सीट भाजपा से पास हैं। जयस कुक्षी और मनावर सीट पर अपनी ज़मीन तैयार कर रही है। कांग्रेस की मुश्किल ये है कि पांच दशक से कुक्षी कांग्रेस का गढ़ है।
बसपा का तोड़: कांग्रेस का यह कदम बसपा के साथ गठबंधन नहीं होने की तोड़ भी कहा जा सकता है। मध्यप्रदेश की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर कांग्रेस औऱ भाजपा से साथ बसपा लड़ाई में रहती है। यूपी से सटे जिलों में बसपा का वर्चश्व देखने को मिलता है। ऐसे में अगर कांग्रेस जयल के साथ गठबंधन करने में सफल होती है तो वह बसपा के गठबंधन नहीं होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकती है। अबकी बार मध्य प्रदेश में आदिवासी सरकार का नारा देने वाले जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ हीरालाल अलावा के अनुसार, जयस मुख्य रूप से पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ, धार, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास एवं बड़वानी जिलों के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी, क्योंकि इन इलाकों में आदिवासी मतदाताओं की संख्या बड़ी तादाद में है।