गौरतलब है कि एग्जिट पोल और फिर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद कमल नाथ सरकार पर खतरा मंडरा रहा था। खासकर जिस तरह से भाजपा नेता बयान दे रहे हैं उससे तो यही लगता है कि आनेवाले दिनों में सरकार को खतरा है। लेकिन रविवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक निर्दलीय विधायकों के साथ सपा और बसपा के विधायकों ने भी एक सुर में कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है, सभी लोग मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हैं।
खेलो पत्रिका flash bag NaMo9 contest और जीतें आकर्षक इनाम खतरे के दावों के बीच जिस तरह विधायकों ने कमलनाथ का साथ दिया, उसे देखते हुए माना जा रहा है फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ सरकार ‘जांच’ में पास हो गई है। फिलहाल कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है।
बता दें कि एग्जिट पोल के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। तब से ही कयास लगाया जा रहा था कि विपक्ष सदन में कमलनाथ सरकार की फ्लोर टेस्ट करवा सकती है। उसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने यहां तक कह दिया था कि केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार 22 दिन भी नहीं रहेगी।
भाजपा नेताओं के इस बयान के बाद प्रदेश कि सियासत गरम हो गई थी। आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया। दावा तो यहां तक किया जा रहा है था इन्हीं कारणों से कमलनाथ CWC की बैठक में शामिल होने दिल्ली भी नहीं गए थे। लेकिन जिस तरह रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने कमलनाथ सरकार पर विश्वास जताया, उससे साफ हो गया कि फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं है और वह जांच में पास हो गई है।