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कांग्रेस ने पूछा शहडोल की तत्कालीन कलेक्टर अनुभा को कैसे दी क्लीनचिट

locationभोपालPublished: Feb 22, 2019 10:55:47 pm

Submitted by:

harish divekar

निर्वाचन कार्यालय में राजनीतिक दलों से चर्चा के दौरान उठा सवाल

शहडोल की तत्कालीन कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव को निर्वाचन आयोग ने क्लीनचिट कैसे दे दी। जबकि इस मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही थी।

यह सवाल कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी जेपी धनोपिया ने आयोग के अपर सीइओ संदीप यादव से किया। शुक्रवार को आयोग में मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के समय सभी राजनीतिक दलों से चर्चा करते समय यह सवाल उठाया गया।
इस पर यादव ने कहा कि इसका जवाब सीईओ वीएल कांता राव ही दे पाएंगे।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर और एसडीएम के बीच वाटसएप चैटिंग में भाजपा को जिताने की बात हुई थी।
यह चैटिंग वायरल होने के बाद कांग्रेस ने अनुभा को शहडोल कलेक्टर के पद से हटाने और पूरे मामले की जांच कराने को लेकर आयोग से शिकायात की थी।

इसके बाद चुनाव आयोग ने जांच के दौरान ही टवीट कर कलेक्टर अनुभा को यह कहते हुए क्लीनचिट दी थी कि किसी ने फेब्रिकेटेड तरीके से मोबाइल चैटिंग को वायरल किया है।
पुलिस थाने में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई है कि ऐसी हरकत किसने की।

धनोपिया ने यादव से कहा विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची की गड़बडिय़ों की शिकायतों के निराकरण की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि शिकायत पर हटाए गए कर्मचारी और अधिकारियों की लोकसभा चुनाव में ड्यूटी नहीं लगाई जाए। इसके साथ ही तीन साल से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण किए जाए।
वहीं भाजपा के विधि इकाई के प्रदेश प्रमुख शांतिलाल लोढ़ा ने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोडऩे के लिए आने वाले ढेरों आवेदन का सत्यापन नहीं होता है, जिससे वोगस नाम जुड़ जाते हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि नाम जोडऩे से पहले मतदाताओं के घर जाकर सत्यापन किया जाय।


मतदान केन्द्रों पर लगाएं जैमर

धनोपिया ने यादव से कहा कि सभी 65283 मतदान केन्द्रों, स्ट्रांग रूम और जहां ईवीएम रखी जाती हैं, वहां जैमर लगाए जाएं। इससे मतदान केन्द्रों के अगर कोई अशांति फैलाने अथवा गड़बड़ी करने का प्रयास करता है तो नहीं कर सके।

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