बड़ों की भीड़ की बजाय स्थानीय नेताओं को तवज्जो देगी भाजपा :
झाबुआ की हार से सबक लेने वाली भाजपा इन दोनों सीटों पर बड़े नेताओं की भीड़ की बजाय स्थानीय नेताओं को तवज्जो देगी। चुनावी रणनीति में स्थानीय नेताओं की भूमिका प्रमुख रहेगी। भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के लिए ये दोनों उपचुनाव भी अग्रि परीक्षा की तरह माने जा रहे हैं। वीडी शर्मा इन चुनावों को जीतकर प्रदेश में अपनी आमद की धमक बनाने की तैयारी कर रहे हैं। स्थानीय नेताओं के अलावा प्रदेश के बड़े नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भूमिका यहां अहम रहने वाली है।
इसलिए अहम हैं ये दोनों उपचुनाव :
इन दोनों उपचुनाव की जीत कांग्रेस-भाजपा दोनों के लिए जरुरी हैं। कांग्रेस को एक सीट बचाना है और दूसरी सीट हासिल करना है। कांग्रेस के इस समय 114 विधायक हैं। जबकि सरकार को चार निर्दलयी, दो बसपा और एक सपा विधायक का समर्थन हासिल है। कांग्रेस सरकार में एक निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को मंत्री भी बनाया गया है। कांग्रेस यदि ये दोनों सीट जीत जाती है तो वो विधानसभा के बहुमत के जादूई आंकड़े यानी 116 की संख्या पर पहुंच जाएगी। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के सामने भी एक सीट बचाने और एक पर कब्जा करने की चुनौती है। झाबुआ उपचुनाव हार चुकी भाजपा के पास इस समय 107 विधायक हैं। यदि वो दोनों सीट जीतती है तो उसके 109 विधायक हो जाएंगे। भाजपा दोनों उपचुनाव जीतकर झाबुआ की हार का बदला भी लेने की तैयारी कर रही है। इन उपचुनाव की जीत से भाजपा ये कह सकेगी कि सरकार के कामकाज का जनता पर कोई असर नहीं है। वहीं कांग्रेस जीत हासिल कर ये साबित करेगी की सरकार के कामकाज जनता को पसंद आ रहे हैं।
– कांग्रेस प्रदेश में होने वाले दोनों उपचुनावों की तैयारी कर रही है। सरकार के काम और कार्यकर्ताओं की मेहनत से हम ये चुनाव जीतेंगे। अगले सप्ताह से जिताउ उम्मीदवार तलाशने की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। – दीपक बावरिया प्रदेश प्रभारी,कांग्रेस –
– प्रदेश की कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। जनता सरकार से नाराज और भाजपा का साथ देने वाली है। हम इन दोनों सीटों पर जीत हासिल करेंगे। – वीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष,भाजपा –