कांग्रेस में निंदा प्रस्ताव की रणनीति तैयार
भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ कांग्रेस निंदा प्रस्ताव ला सकती है। सूत्रों के मुताबिक आठ जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस की तरफ से निंदा प्रस्ताव लाया जा सकता। इस संबंध में सरकार रणनीति तैयार कर रही है। प्रधानमंत्री की नाराजगी के बाद भी आकाश के खिलाफ पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई न होने पर कांग्रेस ने निंदा प्रस्ताव लाने की तैयारी की है।
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा विधायक का ये कृत्य घोर निंदा के काबिल है। गौरतलब है कि आकाश ने अतिक्रमण हटाने पहुंचे नगर निगम अधिकारी की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई की थी, जिसके बाद उन पर मामला दर्ज हुआ और वे जेल में भी बंद हुए।
तमाम तरह के मुद्दों पर मंथन किया गया है। अब सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए विधानसभा सत्र के पहले दिन आठ जुलाई को विधायक दल की बैठक बुलाई है। यह बैठक प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित की जाएगी। पार्टी की ओर से सभी विधायकों को फोन से सूचित कर पाबंद किया गया है कि बैठक में अवश्य उपस्थित रहें।
तीन फॉर्मूलों पर काम
झाबुआ विधायक जीएस डामोर के इस्तीफे के बाद भाजपा सदस्यों की संख्या 108 रह गई है। ऐसे में भाजपा कांग्रेस से फ्लोर टेस्ट या अविश्वास प्रस्ताव के कदम नहीं उठाएगी, लेकिन उसने सरकार को मुश्किल में डालने के लिए नए फॉर्मूलों पर काम शुरू कर दिया है।
पहली रणनीति : हर विभाग के बजट पर मतदान
भाजपा बजट पेश होने के बाद हर विभाग के कटौती प्रस्ताव में हिस्सा लेगी। विधायकों को पाबंद किया जा रहा है कि बजट सत्र में एक भी दिन गैरहाजिर नहीं रहना है। विभाग की चर्चा के बाद उस पर डिवीजन मांगेगी। अगर किसी विभाग के बजट पर डिवीजन के दौरान वित्तीय विधेयक गिर जाता है तो सरकार के लिए संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है।
दूसरी रणनीति : कुछ विधायकों को अनुपस्थित होने के लिए साध रही भाजपा
नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के तीन पूर्व मंत्री कांगे्रस, निर्दलीय और सपा-बसपा के कुछ विधायकों के संपर्क में हैं। चूंकि ये विधायक सीधे सरकार के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते हैं, ऐसे में भाजपा इनमें से कुछ को बजट पर मतदान के दौरान सदन से गैरहाजिर रहने के लिए राजी करने में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक मालवा और बुंदेलखंड के कुछ विधायकों से चर्चा चल रही है। अगर ये विधायक सदन से गैरहाजिर होते हैं तो कांग्रेस सरकार के लिए संकट खड़ा हो सकता है।
तीसरी रणनीति : बिजली, पानी, किसान पर घमासान
भाजपा स्थगन और नियम 139 के तहत बिजली-पानी, किसान कर्जमाफी, कानून व्यवस्था और तबादलों के मामले में सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गई है। यहां भाजपा सडक़ पर भी बड़े प्रदर्शन करेगी। किसान मोर्चा को आंदोलन की तैयारी के लिए कहा गया है। प्रदेश संगठन बिजली-पानी पर प्रदेश में बड़े आंदोलन की रणनीति बना रहा है।