बीजेपी दिग्गजों पर लगा आरोप
मामला यहीं पर खत्म नहीं हुआ। कांग्रेस ने यहां तक दावा किया है कि, इस घोटाले में बीजेपी के मंत्री, विधायक, पार्षद, उद्योगपति, अधिकारी-कर्मचारी समेत एक बड़ी लॉबी सम्मिलित है। कांग्रेस मीडिया सेल की अध्यक्ष शोभा ओझा ने दस्तावेजों के आधार पर सरकार को घेरते हुए कहा कि, सरकार ने संबल योजना के तहत प्रदेश की जनता को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। मीडिया को बताते हुएओझा ने कहा कि, योजना के तहत लगभग 40 फीसदी लोगों को असंगठित मजदूर बनाया गया, लेकिन हकीकत में वह मज़दूर थे ही नहीं। कांग्रेस ने घोटाले में 550 करोड़ रुपए के आवंटन के दस्तावेज होने का दावा भी किया है।
इन अपात्रों को मिला लाभ
ओझा ने यह भी आरोप लगाया कि, योजना के तहत ज़रूरतमंदो को लाभ देने के बजाए उन लोगों पर फोकस किया गया जिनसे सरकार को लाभ मिल सके। यानि पात्रों को लाभ देने के बजाए लखपतियों को योजना का लाभ दिया गया है, जिसमें सतना और सागर जिले में ऑटोमोबाइल फर्म संचालक, पेट्रोल पंप मालिक, नेताओं, पार्षदों, सरकारी कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। शोभा ओझा ने आरोप लगाते हुए कहा कि, कई बंगलों में रहने वाले लोग उनमें शामिल हैं। इनमें बंगले में रहने वाले इंदौर के भगवान प्रजापति, रामचंद्र जी पटेल, महेश कुमार, मनोहर जिराती शामिल हैं। ओझा ने कहा कि, इसके अलावा एक सब इंस्पेक्टर जिनका नाम संदीप बुंदेला है, उन्होंने खुद को योजना के तहत रजिस्टर्ड मजदूर बताकर लाभ लिया है। इन अपात्रों ने 200 रुपए बिजली बिल में सरकार की इस योजना के तहत लाभ उठाया है।
बीजेपी का पलटवार
वहीं, जब वार हुआ है तो पलटवार भी होना तय है। बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि, कांग्रेस संबल योजना की सफलता से बौखलाई हुई है। बीजेपी ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारते हुए फर्जी बताया। फिलहाल, कांग्रेस ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने के लिए सीबीआई से मांग करने की तैयारी कर ली है।