आदिवासी वोट बैंक को साधने की कवायद
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी में आदिवासी समुदाय की अहम भूमिका थी। प्रदेश में आदिवासियों के लिए आरक्षित 45 सीटों में से 30 से भी ज्यादा सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी और प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने आदिवासी समुदाय के हित में कई फैसले भी लिए थे। अब आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आदिवासियों को साधने के लिए एक बार फिर आदिवासी चेहरे को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बना सकती है। पूर्व मंत्री बाला बच्चन और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार दो ऐसे आदिवासी नेता हैं जिनके नामों की चर्चा विधानसभा नेता प्रतिपक्ष के तौर पर जोर पकड़ रही हैं।
नेता प्रतिपक्ष की रेस में इन नेताओं के भी नाम
बाला बच्चन औऱ उमंग सिंघार के अलावा पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा और बृजेन्द्र सिंह राठौर के नाम भी नेता प्रतिपक्ष की रेस में हैं। बीते दिनों भिंड में गोविंद सिंह के खिलाफ जिला कांग्रेस की तरफ से जारी किए आदेश को भी नेता प्रतिपक्ष की लड़ाई से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं सज्जन सिंह वर्मा का भी नेता नेता प्रतिपक्ष की रेस में शामिल हैं। कमलनाथ खेमे के सज्जन वर्मा के नाम पर भी सहमति बन सकती है। सज्जन वर्मा और गोविंद सिंह के नाम पर सहमति न बनने की स्थिति में कांग्रेस बृजेन्द्र सिंह राठौर के नाम पर भी विचार कर सकती है।