प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की अधिक उम्र के कारण पार्टी ने चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए हैं, ताकि वे संगठन की भाग-दौड़ कर सकें। इससे कमलनाथ को भी सपोर्ट मिलता। कार्यकारी अध्यक्षों में तीन मौजूदा विधायक भी हैं और इस बार चुनाव में मजबूत दावेदार भी हैं। इस कारण वे भी अपनी सीटों पर तैयारी में जुटे हैं। वे संगठनात्मक कार्यों में कमलनाथ की सहायता नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि, चारों कमलनाथ के सम्पर्क में रहते हैं। दूसरी ओर भाजपा ने चारों को उनकी सीटों पर घेरने की रणनीति बनाई है।
कार्यकारी अध्यक्ष बाला बच्चन बड़वानी की राजनगर सीट से विधायक हंै। यह आदिवासी बाहुल्य सीट बाला बच्चन के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। जीतू पटवारी राऊ में उलझे हैं। यहां भाजपा के जीतू जिराती तगड़े प्रतिस्पर्धी हैं। रामनिवास रावत विजयपुर से विधायक हैं। इसके अलावा सुरेंद्र चौधरी पिछली बार सागर की नरयावली सीट पर चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार अपनी हार का बदला लेने के लिए क्षेत्र में जुटे हैं।
अब बड़े कार्यक्रमों में ही भागीदारी
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अब राज्यस्तर पर होने वाले बड़े कार्यक्रमों में ही चारों भागीदारी कर पाएंगे। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की यात्रा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की संभागवार होने वाली बड़ी संभाएं और दिल्ली के बड़े नेताओं के चुनावी दौरे आते हैं। बाकी संगठनात्मक व कार्यालयीन कामों के लिए चारों ने भोपाल में अपने समर्थकों को जिम्मेदारी दे रखी है।
संगठन के काम कर रहे हैं, साथ ही अपने विधानसभा क्षेत्र को प्राथमिकता देना भी जरूरी है। पार्टी की जरूरत के हिसाब से हम काम करते हैं। इस बार भाजपा को अपने कर्मो का हिसाब जरूर मिलेगा।
-बाला बच्चन, कार्यकारी अध्यक्ष, प्रदेश कांगे्रस