दरअसल पिछले दिनों एक मीडिया कंपनी के कार्यक्रम में उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि सिंधिया मुख्यमंत्री CM Face of Congress for MP बनें तो मुझे ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार होगा। जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि जितनी एकता कांग्रेस में है उतनी एकता मीडिया में नहीं है।
वहीं सिंधिया के मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि अगर राहुल गांधी जी तय करते हैं कि सिंधिया मुख्यमंत्री बनें तो मुझे ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार होगा, साथ काम करेंगे। कार्यक्रम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ CM Face of Congress for MP ने कहा, राहुल गांधी तय करेंगे कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन होगा, जो भी सीएम बनेगा, हम साथ काम करेंगे।
यहां कमलनाथ ने ये भी कहा कि मुझे सीएम बनने की भूख नहीं है, मुझे भूख है इस बात की, कि मध्यप्रदेश का भविष्य बने। वहीं सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य का नाम सामने आने से भाजपा में एक बार फिर बैचेनी बढ़ गई है। जानकारों के अनुसार इसके पीछे का कारण कांग्रेस के एकजुट CM Face of Congress for MP होने को बताया जा रहा है। इस नाम पर कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान ने न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा सहित अन्य दलों की भी धड़कने बढ़ा दी हैं।
कार्यक्रम में ये भी बोले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ:
यहां उन्होंने कहा कि अब मध्यप्रदेश में घोषणाएं सिर्फ लोगों के मनोरंजन का साधन बन गई हैं।
वहीं पार्टी पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमने कभी सीबीआई का दुरुपयोग नहीं किया,जबकि भाजपा दुरुपयोग कर रही है।
यहां उन्होंने कहा कि अब मध्यप्रदेश में घोषणाएं सिर्फ लोगों के मनोरंजन का साधन बन गई हैं।
वहीं पार्टी पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमने कभी सीबीआई का दुरुपयोग नहीं किया,जबकि भाजपा दुरुपयोग कर रही है।
भाजपा पर हमला..
यहां उन्होंने कहा कि हम मंदिर भी बनवाते हैं, छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा मन्दिर मैंने बनवाया, मैं बाकी मन्दिरों में भी जाता हूं, लेकिन मीडिया कभी नहीं दिखाती।
चुनावी मुकाबले पर बोले की भारतीय जनता पार्टी से कांग्रेस का कार्यकर्ता निष्ठावान, पार्टी के पास एक मजबूत संगठन, इस बार चुनाव में भाजपा के धनबल से कांग्रेस कार्यकर्ता लड़ेगा लड़ाई।
यहां उन्होंने कहा कि हम मंदिर भी बनवाते हैं, छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा मन्दिर मैंने बनवाया, मैं बाकी मन्दिरों में भी जाता हूं, लेकिन मीडिया कभी नहीं दिखाती।
चुनावी मुकाबले पर बोले की भारतीय जनता पार्टी से कांग्रेस का कार्यकर्ता निष्ठावान, पार्टी के पास एक मजबूत संगठन, इस बार चुनाव में भाजपा के धनबल से कांग्रेस कार्यकर्ता लड़ेगा लड़ाई।
इधर, भितरघात दे सकती है कइयों को मात…
मध्य प्रदेश के सियासी रण में बीजेपी और कांग्रेस जीत के लिए पूरा जोर लगा रही है। प्रत्याशियों के लिए स्टार प्रचारक मैदान में उतर गए हैं, लेकिन अपनी ही पार्टी से नाराज हुए नेताओं ने मुश्किलें बढ़ा रखी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए भितरघात से निपटना बड़ी चुनौती है।
मध्य प्रदेश के सियासी रण में बीजेपी और कांग्रेस जीत के लिए पूरा जोर लगा रही है। प्रत्याशियों के लिए स्टार प्रचारक मैदान में उतर गए हैं, लेकिन अपनी ही पार्टी से नाराज हुए नेताओं ने मुश्किलें बढ़ा रखी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए भितरघात से निपटना बड़ी चुनौती है।
सूत्रों की मानें तो अपनी ही पार्टी से बागी होकर कई बड़े नेता मैदान में ताल ठोक रहे हैं, तो कुछ अंदर से ही नुकसान पहुंचाने की कोशिश में है।
वहीं जानकारों का कहना है कि डैमेज कण्ट्रोल में भाजपा असफल रही है, जिससे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी नाराज हैं।
वहीं जानकारों का कहना है कि डैमेज कण्ट्रोल में भाजपा असफल रही है, जिससे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी नाराज हैं।
भाजपा अब तक 64 और कांग्रेस करीब 16 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। वहीं टिकट न मिलने से कई नाराज नेता अभी वेट-एंड-वॉच की स्थिति में है। इनमें से कुछ भितरघात भी कर रहे हैं। वहीं कुछ सीटों पर तो नाराज नेताओं का विरोध खुलकर सामने आ चुका है।
पूर्व में भाजपा के करीब 71 और कांग्रेस के करीब 79 नेताओं ने बागी होकर नामांकन जमा किए थे। इनमें से अधिकतर ने पार्टी की मान-मनौव्वल के बाद नामांकन वापस ले लिया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक गुटीय राजनीति के तहत नाराज ये नेता अधिकृत प्रत्याशी को सहयोग नहीं कर रहे हैं।
भाजपा ने 51 और कांग्रेस ने पांच विधायकों के टिकट काटे हैं।
चर्चा है कि इन सभी सीटों पर भितरघात की स्थिति है। इसमें कांग्रेस ने चार टिकट काटे, जबकि एक सीट पर चुनाव न लडऩा तय किया है। वहीं बाहरी और हेलीकाप्टर वाले नेताओं को लेकर भी विरोध है।