संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस 25 फरवरी तक प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा सकती है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया का कहना है कि राहुल गांधी के फार्मूले के अनुसार कांग्रेस पहले अपने प्रत्याशी तय कर लेगी, जिससे उन्हें अपने क्षेत्र में प्रचार—प्रसार के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि हाईकमान किसी सूरत में भाजपा वॉकओवर नहीं देना चाहता। इसत्लिए प्रत्याशियों का चयन जल्दी करना प्राथमिकता में है, जिससे वे चुनाव से पहले क्षेत्र को अच्छे से नाप लें।
राहुल गांधी की भोपाल रैली के दौरान मंच से मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिय़ा ने प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने वादा करते हुए हुंकार भरी। इसके पहले कांग्रेस नेता प्रदेश में बीस से चौबीस सीटें जीतने का दम भर रहे थे। राहुल गांधी ने दो टूक में सभी 29 सीटें जीतने का टास्क दिया है।
राहुल ने स्टेट हैंगर पर पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग में सभी सीटें जीतने के लक्ष्य पर काम करने को कहा है और यहीं कारण है कि अब कांग्रेस ने बीजेपी के 29 सीटें जीतने के टारगेट को अपना नया लक्ष्य बना लिया है।
2014 में मात्र 2 सीटें मिली थीं
2014 के लोकसभा चुनाव नतीजों में मोदी लहर के वजह से कांग्रेस को मात्र दो सीटें हीे मिल पाई थीं। मोदी लहर इतनी जबरदस्त थी कि कांग्रेस, बसपा सहित छोटे—मोटे दलों का वोट बैंक भी भाजपा के खाते में जमा हो गया था।
पिछले चुनाव में 54.8 फीसदी वोट बैंक के साथ बीजेपी ने 27 सीटें जीती थी। जबकि कांग्रेस को महज दो सीट मिली थी. बीजेपी को कांग्रेस से 19 फीसदी ज्यादा वोट शेयर हासिल हुए थे।