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कांग्रेस को मिली दमोह में संजीवनी

locationभोपालPublished: May 02, 2021 07:20:50 pm

Submitted by:

Arun Tiwari

जनता को पसंद नहीं आया दल-बदल
कमलनाथ बने खेवनहार
 

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भोपाल : दमोह विधानसभा उपचुनाव के नतीजों से कांग्रेस को संजीवनी मिल गई है। दमोह की जीत के खेवनहार रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के आत्मविश्वास में इस जीत ने कई गुना इजाफा कर दिया है। इस जीत से भले ही प्रदेश की सियासत में कोई बड़ा भारी फर्क नहीं आएगा लेकिन कांग्रेस के लिए ये सुखद परिणाम बहुत अहम माने जा रहे हैं। इस जीत के साथ कांग्रेस की प्रदेश में सदस्य संख्या 96 हो गई है। इस जीत ने कांग्रेस को ये अहसास दिला दिया कि वो प्रदेश में अभी चुकी हुई पार्टी नहीं है। अभी जनता को कांग्रेस पर भरोसा है जिससे उसने प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बाद भी हाथ का साथ दिया। इस चुनावी नैया के खेवनहार कमलनाथ ही रहे हैं। उनके अलावा किसी अन्य बड़े नेता की भूमिका वहां बहुत अहम दिखाई नहीं दी। चुनावी चौसर की सारी जमावट कमलनाथ ने ही की थी। जिससे ये स्पष्ट होता है कि उनकी रणनीति परिणाममूलक है। इस जीत ने कांग्रेस में नया जोश भर दिया है जिसका असर खंडवा लोकसभा उपचुनाव, जोबट विधानसभा उपचुनाव के साथ ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में भी नजर आएगा।

दमोह ने नकारा दल-बदल :
दमोह की जनता ने दलबदल को नकार दिया है। कुछ महीनों पहले प्रदेश में हुए 28 विधानसभा चुनावों में भले ही दलबदल का मुद्दा प्रभावी नजर न आया हो लेकिन दमोह में इसने अपना पूरा प्रभाव दिखाया और दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके कांग्रेस अजय टंडन को जिता दिया। एकमात्र चुनाव जनता ने भाजपा के खिलाफ लड़ा है। कांग्रेस, लोधी बाहुल्य ग्रामीण इलाकों में हमेशा चुनाव हारती रही है लेकिन इस बार कांग्रेस ने वहां से बढ़त हासिल की है। इस चुनाव में जातिवाद का भी असर नजर नहीं आया क्योंकि कांग्रेस को वहां से बढ़त मिली जहां टंडन की जाति के लोग बड़ी संख्या में नहीं हैं। कांग्रेस इसे जनता की सरकार के खिलाफ नाराजगी के रुप में भी देख रही है। उसका मानना है कि कोरोना प्रबंधन में सरकार नाकाम हुई है जिससे जनता में गुस्सा था जो वोट के रुप में बदला है।
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