मंत्री ने यह निर्देश भी दिए कि जय किसान फसल ऋण माफी योजना के द्वितीय चरण में सहकारी समितियों के कर्ज माफी से शेष बचे साढ़े चार लाख किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए। इन किसानों पर 430 करोड़ की ऋण राशि शेष है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कुल 4562 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं हैं। जिन सहकारी संस्थाओं के संचालक मंडल का कार्यकाल पूर्ण हो गया है उनके निर्वाचन की कार्यवाही भी शीघ्र प्रारंभ की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार में उनके कार्यकाल में मुरैना, सतना आदि सहकारी बैंकों की स्थिति बहुत अच्छी थी, परंतु अब खराब हो गई है। सहकारी संस्थाओं को पुन: सशक्त बनाया जाएगा। मंत्री ने अन्य सहकारी संस्थाओं की तरह आवास संघ को भी सुदृढ बनाए जाने की बात कही। किसानों को रबी में यूरिया, अन्य खाद एवं बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए।
मार्कफेड की एमडी स्वाति मीणा ने बताया कि विभाग का वर्ष 17- 18 का टर्नओवर 17000 करोड रुपए रहा जो गत वर्ष की तुलना में अधिक है। विभाग द्वारा किसानों को उनकी आवश्यकता अनुसार कृषि आदान उपलब्ध कराने तथा उनकी फसलों का उचित मूल्य उन्हें दिलाने के उद्देश्य से ‘किसान समृद्धि योजना’ प्रारंभ की गई है। योजना के लिये ‘किसान समृद्धि ऐप, बनाया गया है। इस ऐप से किसान अपनी पसंद का खाद-बीज मनचाही समिति से प्राप्त कर सकेंगे। “एग्री व्यापार” के माध्यम से किसानों की उपज की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
बैठक में सहकारिता विभाग कके प्रमुख सचिव अजीत केसरी, आयुक्त एमके अग्रवाल, अपेक्स बैंक के एमडी प्रदीप नीखरा सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।